राजस्थान में लोकसभा चुनाव हो चुके है .लेकिन इस बीच चर्चाओं का दौर भी शुरु हो चुका है .कि आखिर रिजल्ट क्या रहने वाला है .जहां बीजेपी मिशन 25 को पूरा करने का दावा कर रही है वही दूसरी तरफ कांग्रेस भी बीजेपी के मिशन 25 को रोकने और 10 से 12 सीटें जीतने का दावा कर रही है .वही अगर बीजेपी के मिशन 25 में रुकावट होगी.तो उसका परिणाम कही ना कही प्रदेश की भजनलाल सरकार पर भी पड़ेगा

क्योंकि प्रदेश में इस बार भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री है और मुखिया के तौर पर उनके ऊपर भी यह जिम्मेदारी थी कि कैसे ना कैसे बीजेपी के मिशन 25 को सफल करवाया जाए.लेकिन बीजेपी की मिशन 25 में रोड़े अटकते है तो कही ना कही भजनलाल की कुर्सी पर भी बात आ सकती है .ऐसे में चर्चाएं ये भी है कि राजस्थान में एक बार फिर से वसुंधरा राजे का दौर शुरु हो सकता है .इस चुनाव के बाद कई नेताओं का भविष्य दांव है. वहीं मंत्री खराब नतीजों को लेकर परेशान हो रहे हैं. वहीं राजस्थान के कद्दावर नेता में एक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर भी अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई है. झालावाड़-बारां सीट से उनके बेटे दुष्यंत सिंह ने चुनाव लड़ा है. वसुंधरा बेटे को जिताने के लिए खुद भी मैदान में उतरी थी. अब 4 जून को नतीजे आएंगे. वहीं दूसरी तरफ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी चुनावों में पूरा जोर लगा रहे हैं. राजस्थान में उन्होंने चुनाव के दौरान जमकर प्रचार किया. टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर उनका विशेष ध्यान रहा. क्योंकि वह खुद वहां से विधायक है. ऐसे से कांग्रेस की जीत पायलट के लिए अहम है. 

चुनाव के बाद वसुंधरा राजे को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं, चर्चाएं इस बात की भी है कि अपनी नई पार्टी बना सकती है  और अपने गुट के नेताओं के साथ अलग हो सकती है. हालांकि इन कयासों में कितना दम है यह कहना अभी मुश्किल होगा. वही दूसरी तरफ ये भी चर्चा है कि वसुंधरा राजे को एक बार फिर से आलाकमान प्रदेश के नेतृत्व सौंप सकता है .ऐसे में देखने वाली बात ये है कि आखिर राजस्थान में बीजेपी के मिशन 25 को कितनी सफलता मिलती है और किसकी कुर्सी सेफ रहती है .