सरकारी अस्पतालो में अमूमन हम देखते है कि डॉक्टरों के चैंबर के बाहर लंबी कतारे मरीजों की लगी रहती है .ना केवल डॉक्टर्स के चेंबर के बाहर बल्कि विभिन्न तरह की जांचे करवाने और उनकी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए भी मरीजों या उनके परिजनों को घंटों तक कतार में खड़ा रहना पड़ता है .वही घंटों में लाइन में खड़ा रहने के चलते मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है .वही अब इन समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए राजस्थान में चिकित्सा विभाग अब ऐसा मैकेनिज्म स्थापित करने में जुटा है जिससे कही ना कही स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा सिस्टम बदल जाएगा.आपको बता दे सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को ऑनलाइन करने में जुटी है .और इसके लिए तैयारियां भी शुरु हो गई है .चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को ऑनलाइन करने जा रहा है। विकसित देशों की तरह राजस्थान में भी इन्टीग्रेटेड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 लागू किया जाएगा। नए सिस्टम को लागू करने से पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हर स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। इस संबंध में बुधवार 8 मई को सचिवालय में अहम बैठक हुई जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह और प्रमुख सचिव आरती डोगरा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि विभाग एक नया सिस्टम डेवलप करने जा रहा है ताकि प्रदेश के हर व्यक्ति को बिना किसी परेशानी के बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिले। यह ऑनलाइन सिस्टम अत्याधुनिक होगा। इससे प्रदेश के मेडिकल सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए मरीज का डॉक्टर से मिलना, उनसे परामर्श लेना आसान हो जाएगा। साथ ही पैरा मेडिकल स्टाफ के सामने आने वाली चुनौतियां भी कम होंगी।