इन दिनों लोग कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल का असर लोगों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर भी दिखने लगा है। सोशल एंग्जायटी (Social Anxiety) ऐसा मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अकसर ज्यादा सामाजिक होने से डरता है। हालांकि कई लोगों को इसकी पहचान नहीं होती। ऐसे में कुछ लक्षणों से इसे पहचान सकते हैं।

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सोशल एंग्जायटी (Social Anxiety) एक प्रकार की मानसिक स्थिति (Mental State) है, जिसमें कोई व्यक्ति अपने कंफर्ट जोन के बाहर लोगों से मिलना-जुलना और बातें करना पसंद नहीं करता है। ज्यादा सामाजिक होने में उन्हें असहजता महसूस होती है। यह मानसिक रूप से बहुत ही थकाने वाली फीलिंग है,क्योंकि ये दिमाग में ओवरथिंकिंग और हालात को जरूरत से ज्यादा परखने में व्यस्त रखती है, जिससे झुंझलाहट होती है और अंत में एंग्जायटी के लक्षण महसूस होने लगते हैं।

हालांकि, कई बार कुछ लोगों को इसका एहसास भी नहीं होता है कि वे किसी प्रकार की सोशल एंग्जायटी से गुजर रहे हैं। ऐसे लोगों को पहले इसके लक्षणों समझना जरूरी है, तो आइए जानते हैं कि कैसे नजर आते हैं सोशल एंग्जायटी के लक्षण-

किसी सोशल प्लान या इवेंट पर जाने से पहले-

  • सामाजिक होने से पहले वहां जा कर कहना क्या है, क्या बातें करनी है, इस बात की आप प्रैक्टिस करते हैं।
  • जाने से पहले आप इस बात को सोच-सोच कर परेशान रहते हैं कि सबके बीच में आप दिखेंगे कैसे।
  • आप बार-बार सोचते हैं कि कैसे इस इवेंट या प्लान को कैंसिल करें, लेकिन दूसरों को अपसेट करने से भी डरते हैं। आपकी वजह से लोगों के दुखी होने की चिंता आपको खाए जाती है।

इवेंट पर पहुंच कर-

  • आप हर समय इस संकोच और दुविधा में रहते हैं कि लोग बस आपको ही देख रहे हैं और जज कर रहे हैं।
  • लोगों द्वारा कमी सुनने के डर से उनकी हर बात पर एक्स्ट्रा फोकस करते हैं।
  • बार-बार बाथरूम जाते हैं या मोबाइल में लगे रहते हैं, जिससे लोगों से बातें शुरू न करनी पड़ जाएं।

इवेंट से आने के बाद-

  • कुछ बचकानी बात या हरकत करने के लिए बार-बार खुद को कोसना।
  • इस बात की भी चिंता करना कि लोग आपके बारे में क्या सोच रहे होंगे, आपके हाव-भाव या कपड़े की वे बुराई न करें।
  • मात्र इसी बात के बारे में सोचना कि इतने अच्छे लोगों के बीच कहीं आप बोरिंग या अजीब तो नहीं दिख रहे थे।

यह भी ध्यान रखें

इस प्रकार के किसी भी लक्षण के दिखने पर शर्म या गिल्ट से भरने की जगह अपनी स्थिति को पहचानें, अपनी मानसिक हलचल को शांत करें, अपनी भावनाओं की कद्र करें और इस बात को पहचानें कि आप सोशल एंजायटी से गुजर रहे हैं। इसके बाद किसी परिवार के सदस्य की या फिर किसी करीबी मित्र की मदद लें और अपनी सभी बातें शेयर करें। कोई रास्ता समझ न आए तो काउंसलर से जरूर मिलें।