लंदन में एक महिला की फेक आईलैशेज लगाने से आंखों की रोशनी चली गई। हालांकि अब उसकी रोशनी धीरे-धीरे वापस आ रही है लेकिन अगर आप भी करती हैं नकली पलकों का इस्तेमाल तो इससे किस तरह के नुकसान हो सकते हैं इसके बारे में जानना जरूरी है। इन्फेक्शन से लेकर सूजन और ड्राईनेस तक की वजह बन सकता है आपका ये शौक।

मेकअप के दौरान महिलाएं आंखों को खासतौर से हाइलाइट करती हैं। काजल, लाइनर, आईशैडो के साथ ही पलकों को लंबा और घना दिखाने के लिए फेक यानी नकली आईलैशेज का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। नो डाउट ये खूबसूरती बढ़ा देते हैं, लेकिन आंख मूंदकर इनका इस्तेमाल बन सकता है कई गंभीर समस्याओं की वजह। ऐसा ही एक मामला लंदन में देखने को मिला। जहां 22 साल की एक महिला की फेक आईलैशेज लगवाने के चक्कर में आंखों की रोशनी चली गई। लैशेज लगवाने के बाद आंखों में सूजन बढ़ने लगी। महिला ने बताया कि तकरीबन छह महीने तक उसे ये समस्या बनी रही। हालांकि अब धीरे-धीरे उसकी आंखों की रोशनी लौट रही है।   

बन सकता है इन्फेक्शन की वजह

आंखें बहुत ही नाजुक होती है। गर्मियों में पसीने के चलते बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं। साथ ही ये खुजली और रेडनेस की भी वजह बन सकते हैं। ऐसे में अगर हाइजीन का ध्यान नहीं रखा, तो इससे आंखों का इन्फेक्शन हो सकता है। 

जलन व खुजली की समस्या

नकली पलके लगाने से आंखों के आसपास खुजली की समस्या बढ़ सकती है। दरअसल इसकी वजह फेक आईलैशेज़ के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लू होता है। तेजी से खुजली कर देने पर पलकों के आसपास दाने भी हो सकते हैं। 

बढ़ सकती है ड्राईनेस

आंखों में लुब्रिकेशन की कमी से ड्राईनेस की प्रॉब्लम हो जाती है और इसकी एक बड़ी वजह सस्ते कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल होता है। ड्राईनेस के चलते आंखों में खुजली, धुंधलापन जैसी प्रॉब्लम देखने को मिल सकती है

बढ़ जाती है सूजन

फेक आईलैशेज़ को लगाने के लिए जिस ग्लू का इस्तेमाल किया जाता है। उसमें फॉर्मलडिहाइड होता है। लंबे समय तक फेक आईलैशेज़ लगाकर रखने से ग्लू से आंखों के आसपास के हिस्से सूज सकता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।