स्ट्रेस एक ऐसी चीज़ है जिसके चक्कर में अगर आप लंबे समय तक फंसे रहें तो इससे दिमाग और शरीर दोनों खराब होने लगता है। कई बार तो लोगों को स्ट्रेस दूर करने के लिए दवाओं और थेरेपी तक की मदद लेनी पड़ती है लेकिन एक और तरीका है जो स्ट्रेस दूर करने में बेहद असरदार है और वो है डायरी लिखना।

 दुख बांटने से कम होता है, ये तो आपने सुना ही होगा, लेकिन कई बार लोग अपनी परेशानियों को अपने तक ही सीमित रखते हैं किसी से शेयर करने में उन्हें झिझक होती है। साथ ही अपनी तकलीफों से  दूसरों को क्यों परेशान करना...ये सोच भी आड़े आती है, लेकिन लंबे समय किसी भी तरह के दुख व तकलीफ को दिल में दबाकर रखना आपकी मानसिक परेशानियों का शिकार बना सकता है और मेंटल हेल्थ आपकी फिजिकल हेल्थ को प्रभावित करने लगती है। 

स्ट्रेस दूर करने के लिए वैसे तो कई सारे उपाय एक्सपर्ट्स सजेस्ट करते हैं जिसमें डिजिटल ब्रेक, मी टाइम, म्यूजिक थेरेपी जैसी और भी कई चीज़ें शामिल हैं, लेकिन एक और चीज़ है जो इसमें आपकी मदद कर सकती है और वो है डायरी लिखने की आदत। रोजाना कुछ देर इसके लिए समय निकालें और अपनी बातों को डायरी से शेयर करें, देखिए कैसे आपकी मेंटल हेल्थ इंप्रूव होने लगेगी। जिसका असर आपको अपनी पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल लाइफ में भी नजर आएगा।

1. तनाव और चिंता में कमी

जब आप अपनी भावनाओं को लिखते हैं, तो आप एक तरह से उसे अपने दिमाग से बाहर निकाल रहे होते हैं। जिसके बाद आप अंदर से शांत और रिलैक्स फील करते हैं। डायरी के साथ आप उन बातों को बेझिझक होकर साझा कर सकते हैं, जिसे दूसरों को बताने में आप कंफर्टेबल नहीं। 

2. आत्म अभिव्यक्ति की आजादी

यह आदत आपको अपने विचारों और कल्पनाओं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने की जगह प्रदान करता है। किसी व्यक्ति के सामने कई बार आप उन बातों को शेयर करने से बचते हैं जिसमें वो आपको जज कर सकता है, लेकिन डायरी लिखते वक्त आप आजाद होते हैं और ये आजादी आपके आत्म विश्वास को भी बढ़ाती है। 

3. लक्ष्य निर्धारण और प्रेरणा

डायरी लिखने की आदत से आप खुद अपनी अचीवमेंट्स और फेलियर पर नजर रख सकते हैं और उसके अनुसार अपने आगे आने वाले चैलेंजेस की प्लानिंग कर सकते हैं। यह आपको जवाबदेह ठहराने और अपनी सफलताओं की संभावनाओं को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

4. स्मृति और सीखना

जब आप किसी घटनाओं के बारे में लिखते हैं, तो आप उन्हें बेहतर ढंग से याद भी रख पाते हैं। यह आपको अपने अनुभवों से सीखने और भविष्य में बेहतर निर्णय लेने में मदद कर सकता है।