नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में विचाराधीन मामलों पर संदेशों, टिप्पणियों और आलेखों के जरिये इंटरनेट मीडिया मंचों का अत्यधिक दुरुपयोग किए जाने पर चिंता जताई है।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस (अब सेवानिवृत्त) और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने एक मामले के संबंध में फेसबुक पर भ्रामक पोस्ट डालने के लिए असम में आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक करीमउद्दीन बारभुइया के विरुद्ध अवमानना कार्यवाही शुरू करते हुए यह टिप्पणी की। इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
इंटरनेट मीडिया मंचों के दुरुपयोग पर SC ने जताई चिंता
पीठ ने इंटरनेट मीडिया मंचों के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए कहा, 'यूं तो हमारे कंधे किसी भी आलोचना या जिम्मेदारी को सहने के लिहाज से काफी मजबूत हैं, लेकिन अभिव्यक्ति व बोलने की आजादी के अधिकार की आड़ में अदालत में लंबित मामलों के संदर्भ में टिप्पणियां या पोस्ट डाले जाने पर गंभीरता से विचार की जरूरत है जिनमें अदालतों के अधिकार क्षेत्र को कमजोर करने या न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की प्रवृत्ति होती है।'