नई दिल्ली। बीते शुक्रवार यानी 5 अप्रैल को कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसे न्याय पत्र का नाम दिया गया। यह 5 न्याय और 25 गारंटी पर आधारित है। हालांकि, भाजपा को कांग्रेस द्वारा जारी किए गए इस न्याय पत्र में मुस्लिम लीग की छाप नजर आ रही है।
अब कांग्रेस ने सोमवार को पार्टी के घोषणापत्र पर 'मुस्लिम लीग छाप' टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा।
डरी हुई है भाजपा
कांग्रेस ने कहा कि वह (भाजपा) इस संभावना से डरे हुए हैं कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में 180 सीटों का आंकड़ा पार करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा और फिर से 'वही घिसी-पिटी हिंदू-मुस्लिम लिपि' का सहारा लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी की चुनावी स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, ऐसे में आरएसएस को अपने पुराने दोस्त मुस्लिम लीग की याद आने लगी है।
विपक्षी दल की प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस पर हमला करने के एक दिन बाद आई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है और उसके नेताओं के बयानों में राष्ट्रीय अखंडता और सनातन धर्म के प्रति शत्रुता दिखाई देती है।
खरगे ने मोदी-शाह से पूछे सवाल
सोशल मीडिया x (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर खरगे ने कहा, 'मोदी और शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। आज भी वे आम भारतीयों के योगदान से तैयार हुए 'कांग्रेस न्याय पत्र' के खिलाफ मुस्लिम लीग का आह्वान कर रहे हैं।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि सभी जानते हैं कि आपके पूर्वजों ने 1940 के दशक में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल, सिंध और NWFP में अपनी सरकार बनाई थी। क्या श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर को यह नहीं लिखा था कि देश और कांग्रेस के 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन को कैसे दबाया जाये? और इसके लिए, वह अंग्रेजों का समर्थन करने के लिए तैयार थे?'