स्लिम-ट्रीम फिगर को अच्छी सेहत का संकेत माना जाता है और ऐसी फिगर लोगों को अट्रैक्ट भी करती है। हालांकि परफेक्ट फिगर पाना और उसे मेंटेन रखना एक चैलेंजिंग टास्क होता है। इसके लिए रोजाना वर्कआउट के साथ डाइट पर भी कंट्रोल करना होता है, जो कई लोगों के लिए पॉसिबल नहीं हो पाता खासतौर से एक्सरसाइज करना। ऐसी कंडीशन में डाइटिंग का ऑप्शन बेस्ट लगता है। अगर आप एक्सरसाइज को स्किप कर सिर्फ डाइटिंग की बदौलत पतला होने का ख्वाब देख रहे हैं, तो नो डाउट हो जाएंगे, लेकिन साथ ही साथ कई समस्याओं का भी शिकार हो सकते हैं। जी हां, खाना न खाना बहुत ही अनहेल्दी तरीका है वेट लॉस करने का। इसका सेहत पर क्या असर हो सकता है आज हम इसी के बारे मे जानने वाले हैं।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
स्टारवेशन डाइट में घंटों भूखे रहना होता है, जो आजकल वजन कम करने वाले लोगों तेजी से अपना रहे हैं।
स्टारवेशन डाइट के साइड इफैक्ट
मेटाबॉलिज्म हो जाता है स्लो
स्टारवेशन डाइट से शरीर में कैलोरी की मात्रा घटने लगती है, जिसके चलते बॉडी, फैट्स को प्राइमरी एनर्जी की तरह यूज करने लगती है। जिससे मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। मेटाबॉलिक रेट कम होने पर आप जितनी कोशिश कर लें, वजन कम नहीं होता। दूसरा इसकी वजह से हर वक्त थकान और कमजोरी का एहसास होता रहता है।
मेंटल हेल्थ पर असर
एक्सपर्ट्स की मानें तो स्टारवेशन डाइटिंग से ईटिंग डिसऑर्डर का खतरा बढ़ सकता है। मतलब इससे कुछ लोगों को और ज्यादा भूख लगती है, तो वहीं कुछ लोगों की भूख एकदम मर जाती है। लंबे समय तक डाइटिंग करने से एनोरेक्सिया नर्वोसा, बुलिमिया नर्वोसा या बिंज ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है, जिसकी वजह से मूड चिड़चिड़ा रहता है, गुस्सा आता रहता है और स्ट्रेस लेवल भी बढ़ जाता है।
पोषण की कमी
खाना न खाने से शरीर में विटामिन्स, मिनरल, कैल्शियम और प्रोटीन की कमी होने लगती है, जो शरीर के कई फंक्शन्स को चलाने के लिए जरूरी होते हैं। सेहत के साथ इन न्यूट्रिशन की कमी का असर स्किन और बालों पर भी देखने को मिल सकता है।
वेट लॉस का सही तरीका
- हेल्दी वेटलॉस के लिए मील को स्किप करने की जगह नहीं बल्कि बैलेंस करने की जरूरत है।
- अनहेल्दी फैट्स को डाइट से आउट करें और उनकी जगह लीन प्रोटीन, सब्जियों और साबुत अनाज को डाइट में जगह दें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- नींद पूरी करें।
- रोजाना 15-20 मिनट का वक्त एक्सरसाइज के लिए निकालें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।