राजकोट। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थायी सदस्यता के लिए भारत को अधिक प्रयास करने होंगे। दुनिया में आज भारत के पक्ष में माहौल है। राजकोट में भारत भाग्य विधाता कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूएनएससी में स्थायी सदस्यता हासिल करने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। जब इसका गठन हुआ था तब रूस, चीन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने सब कुछ स्वयं तय कर लिया था। यही सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का गठन लगभग 80 साल पहले हुआ, तब दुनिया में 50 स्वतंत्र देश थे। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 193 पहुंच गई है।विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, जापान, जर्मनी और मिस्त्र ने मिलकर इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र के समक्ष एक प्रस्ताव रखा है। रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों को लाने की घटना का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें एक ही बात कही थी कि किसी भी कीमत पर बच्चों को वहां से सुरक्षित निकालना है। इसके बाद विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। दो अधिकारियों ने वहां जाने की हिम्मत दिखाई और वह मिशन सफल रहा।

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यदि ऐसा न करते तो तेल के दाम आसमान छू जाते

जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया भारत का लोहा मान रही है। यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत पर रूस से तेल न लेने का दबाव था। भारत ने दबाव के बजाय देशहित पर ध्यान केंद्रित किया और रूस से तेल लेना जारी रखा। हमें जरूरत थी और हमने ऐसा किया। यदि ऐसा न करते तो तेल के दाम आसमान छू जाते।