मेरठ। जयन्त चौधरी जब युवावस्था में राजनीति में आए तो लोगों ने उनमें पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की झलक देखने की कोशिश की। अब इसका एक रंग जयन्त के रणनीतिक कौशल में भी दिख रहा है। पिता अजित सिंह के बाद रालोद की कमान संभाल रहे जयन्त ने अपने बाबा चौधरी चरण सिंह के आजमाए ‘अजगर’ फार्मूले को नए अर्थ-तेवर में पेश किया। आगे की राजनीतिक राह की ‘लाठी’ भी बनाई। इससे न सिर्फ रालोद को मजबूती की आस है, बल्कि पश्चिमी यूपी में भाजपा को भी अतिरिक्त ऊर्जा मिल सकती है।

बाबा के फार्मूले पर जयन्त

चुनावी कुरुक्षेत्र में भाजपा ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे के साथ उतरी है। पार्टी का फोकस जाट-गुर्जर समेत सभी जातियों को जोड़ने की रणनीति पर है। 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में अजित सिंह के कमजोर पड़ने पर जाट व गुर्जर बंटे, जिसका लाभ भाजपा को मिला। 2022 में सपा संग चुनाव लड़ने उतरे जयन्त ने अपने बाबा के अजगर फार्मूले में ‘अ को अहीर, अनुसूचित और अगड़ा’ तीनों अर्थों में आजमाया।