टिम कुक अपनी बातों से अक्सर लोगों को प्रभावित करते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने भारतीय छात्रों को लेकर एक सलाह दी है। उन्होंने कहा कि छात्रों को कोडिंग सीखनी चाहिए और यह एकमात्र वैश्विक भाषा है। इतना ही नहीं कुक ने लड़कियों को भी कोडिंग सीखने का सुझाव दिया है। आइये इसके बारे में जानते हैं

कुछ महीनों पहले ही Apple के सीईओ भारत आए थे, जिसका उद्देश्य भारत में Apple के स्टोर का उद्घाटन करना था। इस दौरे के समय उन्होंने कोडिंग एजुकेशन के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों को कम उम्र में ही कोडिंग सीखने की सलाह दी।

इतना ही नहीं उन्होंने लड़कियों को इसके लिए प्रोत्साहित किया। कुक ने कहा कि कोडिंग एकमात्र वैश्विक भाषा है, जो वास्तविक जीवन की समस्याओं के लिए समाधान पाने के लिए मददगार होगी। आइये इसके बारे में जानते हैं।

जरूरी है कोडिंग शिक्षा

  • एक मीडिया एजेंसी को इटरव्यू देते समय कुक ने भारत सहित दुनिया भर में स्कूल करिकुलम में कोडिंग को इंटीग्रेट करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोडिंग न केवल आत्म-अभिव्यक्ति को सक्षम बनाती है बल्कि क्रिएटिविटी और इनोवेशन को भी बढ़ावा देती है, जो आज के डिजिटल युग में लोगों को एक साथ करीब लाती है।
  • कुक ने बताया कि स्कूलों में कोडिंग शिक्षा को बढ़ावा देकर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने की देश की क्षमता पर ध्यान दिया जा सकता है।
  • उन्होंने कोडिंग के क्षेत्र में डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार की पहल की सराहना भी की।
  • भारत में हो रहे कई पहल

    • अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) जैसे कई कार्यक्रम हैं जिनका उद्देश्य एडवांस टूल और तकनीक को एक्सेस करके, कोडिंग और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग स्किल में सुधार करके छात्रों में क्रिएटिविटी और इनोवेशन को बढ़ावा देना है।
    • इसके अलावा कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने 2024-25 के शैक्षणिक वर्ष से शुरू होने वाले स्कूलों के पाठ्यक्रम में कोडिंग, कम्प्यूटेशनल थिंकिंगऔर एआई के बुनियादी सिद्धांतों को पेश करने की तैयारी की है।
    • इस नई पहल के तहत कक्षा 6 से 8 तक के लगभग 45,000 सरकारी स्कूलों में नामांकित 50 लाख से अधिक बच्चे शिक्षा लेंगे।