वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को ई-वाहन नीति को मंजूरी दे दी। E-Vehicle Policy के तहत किसी कंपनी को न्यूनतम 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 4150 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी होगा। ये विभिन्न शुल्क रियायतों का भी हकदार होगा। आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को ई-वाहन नीति को मंजूरी दे दी। आइए, इस पॉलिसी के बारे में जान लेते हैं।
E-Vehicle Policy क्या है?
E-Vehicle Policy के तहत किसी कंपनी को न्यूनतम 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी होगा। ये विभिन्न शुल्क रियायतों का भी हकदार होगा।
मंत्रालय ने कहा है कि ये नीति भारतीय उपभोक्ताओं को नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करेगी, मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देगी और ईवी प्लेयर्स के बीच हेल्दी कंपटीशन को बढ़ावा देकर ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करेगी।