सोशल मीडिया फर्म मेटा के एक अध्ययन में कहा गया है कि लगभग आधे कैज़ुअल गेमर्स और 43 प्रतिशत रियल मनी वाले गेमर्स गैर-महानगरीय (Non- Metro) भौगोलिक क्षेत्रों से आते हैं। मेटा जीडब्ल्यूआई के एक अध्ययन से पता चला है कि देश में चार में से तीन से अधिक कैजुअल और रियल मनी वाले गेमर्स सोशल मीडिया पर खेलने और खरीदने के लिए नए गेम खोजते हैं
भारत में गेमिंग की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डालते हुए सोशल मीडिया फर्म मेटा के एक अध्ययन में कहा गया है कि लगभग आधे कैज़ुअल गेमर्स और 43 प्रतिशत रियल मनी वाले गेमर्स गैर-महानगरीय (Non- Metro) भौगोलिक क्षेत्रों से आते हैं।
मेटा जीडब्ल्यूआई के एक अध्ययन से पता चला है कि देश में चार में से तीन से अधिक कैजुअल और रियल मनी वाले गेमर्स सोशल मीडिया पर खेलने और खरीदने के लिए नए गेम खोजते हैं, और इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक मेटा प्लेटफॉर्म पर ऐसा करते हैं।
भारत के तकनीकी क्षेत्र में गेमिंग
मेटा के निदेशक और प्रमुख (भारत), विज्ञापन व्यवसाय, अरुण श्रीनिवास ने कहा कि गेमिंग विश्व स्तर पर मेटा के लिए टॉप तीन वर्टिकल में से एक है और हम विशेष रूप से ऑटोमेटिक विज्ञापनों के हमारे एडवांटेज+ सूट को गेमिंग ब्रांड्स के लिए विकास में वृद्धि के रूप में देख रहे हैं। श्रीनिवास ने कहा कि गेमिंग भारत के तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
अध्ययन से पता चला कि 10 में से 6 स्मार्टफोन गेमर्स प्रतिदिन गेम खेलते हैं, और लगभग 90 प्रतिशत वास्तविक पैसे वाले गेमर्स कम से कम साप्ताहिक रूप से ऐसी गतिविधियों में भाग लेते हैं। इसमें कहा गया है कि लगभग आधे कैजुअल गेमर्स और 43 प्रतिशत वास्तविक पैसे वाले गेमर्स गैर-मेट्रो भौगोलिक क्षेत्रों से आते हैं।