स्वस्थ शरीर के लिए अच्छा खानपान और फिजिकल एक्टिविटी ही काफी नहीं बल्कि 7 से 8 घंटे की नींद भी बहुत जरूरी है। ये आपको मेंटली हेल्दी भी रखता है लेकिन बिजी लाइफस्टाइल अनहेल्दी डाइ बहुत ज्यादा गैजेट्स का इस्तेमाल और बेडरूम मं मौजूद प्रदूषण जैसी और भी कई चीज़ें बन सकती हैं नींद में बाधा तो इसके लिए यहां दिए टिप्स आ सकते हैं काम।

लैपटॉप और मोबाइल ने हमारी जिंदगी को इस तरह से हाइजैक कर रखा है कि इससे बाहर निकलना टफ टास्क नजर आता है। खराब सेहत, थकान, कमजोरी और नींद की कमी से जूझने के बाद भी इससे पीछा छुड़ाने में लोग नाकामयाब साबित हो रहे हैं। नींद पूरी न होना तो एक ऐसी समस्या है, जिसका असर आपको अगले दिन ही नजर आने लगता है। दिनभर मूड खराब रहता है, आलसपन सा लगता है और पेट भी सही तरीके से साफ नहीं होता। 

नींद की कमी शारीरिक ही नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। वर्ल्ड स्लीप डे को मनाने का मकसद ही लोगों को नींद की जरूरत के बारे में बताना है। एक स्वस्थ शरीर के लिए 7 से 8 घंटे की नींद को जरूरी बताया गया है, लेकिन इतने घंटे सुकून से सोने के लिए कई सारी चीज़ें जरूरी होती है, जिसमें समय से डिनर कर लेना, हेल्दी चीज़ें खाना, सोने से आधे घंटे पहले गैजट्स से दूरी बना लेना और बेडरूम का साफ-सुथरा वातावरण भी शामिल है। 

हाल ही में एक रिपोर्ट में नींद के लिए जरूरी वातावरण के बारे में एक चौंकानेवाला खुलासा हुआ है। जिसमें बताया गया है कि बिना धुले तकिए के कवर में एक हफ्ते में 3 मिलियन बैक्टीरिया इकट्ठे हो जाते हैं, जो टॉयलेट की सीट के मुकाबले 17,000 गुना ज्यादा प्रदूषित होता है। इसी तरह, बिना धुली चादर में बाथरूम के दरवाजे के हैंडल की तुलना में 24,631 गुना ज्यादा बैक्टीरिया मौजूद होते हैं ।

ये परिणाम आपको डराने के लिए, बल्कि जागरूक करने का काम करते हैं, जिससे आप इन चीज़ों पर ध्यान देकर नींद की गुणवत्ता को सुधार सकें। इसके लिए क्या चीज़ें हैं जरूरी, जान लें यहां....

नियमित रूप से धोएं चादर व तकिए

चादर, तकिए के कवर और कंबल को कम से कम 140 डिग्री फॉरेनहाइट पर गर्म पानी से धोएं। ये काफी हद तक एलर्जन्स दूर होते हैं। साथ ही महीने में नहीं, बल्कि हर हफ्ते बेडरूम की बेडशीट, पिलो कवर को साफ करने की आदत बना लें। जिससे बारीक स्किन फ्लेक्स, डस्ट माइट्स और एलर्जन से दूर रह सकें।

वैक्यूम क्लीनिंग है जरूरी

धूल के कण बहुत छोटे होते हैं और गद्दे की गहराई में जाकर रेशों से चिपक जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें निकाल पाना बहुत मुश्किल होता है। गद्दों की डीप क्लीनिंग के लिए वैक्यूम क्लीनिंग बेस्ट ऑप्शन है। इससे उनमें चिपके स्किन फ्लेक्स/डैंडर, डस्ट माईट्स और एलर्जन आसानी से साफ हो जाते हैं।

कोने और दरारों पर भी नजर डालें 

चादर, तकिए तो धो लिए, गद्दे की भी सफाई कर ली, लेकिन बेड के कोने व दरारों को इग्नोर न करें, क्योंकि यहां भी छिपे हो सकते हैं आपकी नींद खराब करने वाले एलर्जी पैदा करने वाले डस्ट माइट्स। इन्हें साफ करने में भी वैक्यूम क्लीनर ही बेस्ट रहेगा, लेकिन आप गीले कपड़े को भी सफाई में इस्तेमाल कर सकते हैं। 

बेडरूम में हवा की गुणवत्ता को कैसे बेहतर बनाएं?

ड्राइंग रूम, किचन की तुलना में बेडरूम का इस्तेमाल सिर्फ सोने के लिए ही होता है, लेकिन फिर भी यह जगह इतनी सेफ नहीं होती। खाना पकाने, क्लीनिंग और डियोड्रेंट या खुशबूदार कैंडल की वजह से यहां भी प्रदूषण हो सकता है, लेकिन इन प्रदूषक तत्वों को एयर प्यूरिफायर द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है और बेडरूम के अंदर हवा की क्वॉलिटी को सुधारा जा सकता है। जिससे नींद अच्छी आती है। 

इन सरल उपायों द्वारा आप घर में एक स्वच्छ और आरामदायक वातावरण का निर्माण कर सकते हैं, जिसमें बहुत अच्छी और सुकूनभरी नींद आती है।