डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है जिसमें ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसे कंट्रोल न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। यह एक मेटाबॉलिक डिजीज है जिसमें आपकी लाइफस्टाइल अहम भूमिका निभाती है। हाल ही में डायबिटीज और नींद के बीच क्या कनेक्शन है इसे लेकर एक नई रिसर्च की गई। जानें क्या पता चला है इस शोध में।
भारत में डायबिटीज के आंकड़े
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च- डायबिटीज इंडिया के मुताबिक, साल 2023 में लगभग 10.1 करोड़ डायबिटीज के मामले पाए गए थे। आईडीएफ डायबिटीज एट्लस के 2021 के सर्वे के मुताबिक, दुनियाभर में चीन के बाद भारत में डायबिटीज के सबसे अधिक केस थे, जो आने वाले 20 सालों में लगभग दोगुणा हो सकते हैं।
यह आंकड़ा इतना भयावह है कि इस बीमारी की वजह से कितनी गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इस मेटाबॉलिक डिजीज की वजह है- खराब लाइफस्टाइल। अनहेल्दी खान-पान से लेकर सोने और उठने तक की आदतों में पिछले एक दशक में काफी बदलाव आए हैं। हाल ही में, एक शोध में भी हमारी नींद और डायबिटीज का कनेक्शन पता चला है।
जामा ओपन नेटवर्क में पब्लिश हुई रिसर्च में पता चला है कि जो लोग रोज केवल 3-5 घंटे की नींद लेते हैं, उनमें डायबिटीज का खतरा काफी अधिक रहता है। इस शोध के लिए यूके बायो बैंक से लोगों के डाटा को स्टडी किया गया और इन्हें लगभग 10 सालों तक फॉलो किया गया।
क्या पाया गया रिसर्च में?
इस रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रोज केवल 3-5 घंटे सोते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा काफी ज्यादा होता है, लेकिन हेल्दी खाने-पीने की आदत से डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है। हालांकि, इसमें ध्यान देने वाली बात यह थी कि जो लोग हेल्दी डाइट तो फॉलो करते हैं, लेकिन 6 घंटे से कम नींद लेते हैं, उनमें इस बीमारी का खतरा ज्यादा ही रहता है।
इस स्टडी से इस बात की ओर इशारा होता है कि नींद का हमारी सेहत पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि हम अपनी सोने की आदतों में सुधार करें। हालांकि, हमारे जीवन में इतने बदलाव हो चुके हैं कि रोज समय से सो पाना सबके लिए आसान नहीं होता है। इसलिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आप बेहतर तरीके से सो सकते हैं।
बेहतर नींद के लिए जरूरी है कि आप स्लीप हाइजीन का ख्याल रखें। स्लीप हाइजिन (Sleep Hygiene) का मतलब आपकी सोने की आदतों से है। इसमें आपकी सोने की कंडिशन और लाइफस्टाइल दोनों को शामिल किया जाता है। बेहतर नींद लेने के लिए इन बातों का ख्याल रखें-
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कॉफी न पीएं
दोपहर के बाद कॉफी न पीएं। दरअसल, कैफीन का असर आपके शरीर में लगभग 8 घंटे के लिए रहता है। कैफीन आपके दिमाग को अलर्ट रखती है और नींद के रिसेप्टर्स को ब्लॉक करती है। इसलिए सोने से 8 घंटे पहले कॉफी या कोई भी ऐसी ड्रिंक, जिसमें कैफीन हो, न पीएं।
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फोन न चलाएं
स्मार्ट फोन और लैपटॉप जैसे गैजेट्स से ब्लू लाइट निकलती है, जिससे आपका दिमाग रिलैक्स नहीं हो पाता और मेलाटोनिन रिलीज करने में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए सोने से कम से कम दो घंटे पहले इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को चलाना बंद कर दें। साथ ही, इन्हें अपने बेड से दूर रखने की कोशिश करें, ताकि आपका ध्यान बार-बार उनकी तरफ न जाए।
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बत्ती बुझा दें
अच्छी नींद के लिए जरूरी है कि आपकी बॉडी सही मात्रा में मेलाटोनिन रिलीज करें। और यह हार्मोन अंधेरे में ही रिलीज होता है। प्रकृति का नियम है, जब तक सूरज की रोशनी यानी उजाला रहेगा हमें जगना है और सूर्यास्त के बाद सो जाना है और आराम करना है। हमारे बॉडी फंक्शन भी इसी सिद्धांत पर काम करते हैं।
हालांकि, विज्ञान में उन्नति की वजह से काफी बदलाव आए हैं, लेकिन मेलाटोनिन तभी सही तरीके से रिलीज होता है, जब हमारे आसपास अंधेरा होता है। इसलिए अपने बेडरूम में सोते समय अंधेरा कर दें, ताकि बेहतर नींद आए।
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सोने और उठने का समय तय करें
रोज एक काम को करने से हमारे शरीर को उसकी आदत हो जाती है। इसलिए अपने सोने और उठने का एक समय फिक्स करें और रोज उसी समय सोएं और सुबह उसी समय जागें। इससे आपका सार्केडियन रिदम उस हिसाब से सेट हो जाएगा और आपको बेहतर तरीके से सोने में मदद मिलेगी।
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कमरे को आरामदायक बनाएं
अपने सोने की जगह को अपने हिसाब से आरामदायक बनाएं। अपने बेड और बेड रूम को साफ रखें, वहां का तापमान अपने मुताबिक सेट करें और आप चाहें तो कुछ रिलैक्सिंग खुशबू, जैसे- लैवेंडर आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे आपको सुकून भरी नींद लेने में काफी मदद मिलेगी।
इनके अलावा, हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग, मेडिटेशन, दिन में एक्सरसाइज और लाइट डिनर करने से भी बेहतर नींद लेने में काफी सहायता मिल सकती है।