हुंडई की ओर से हाल में ही सामान्य कारों की जगह ज्यादा स्पोर्टी कार की चाहत रखने वालों के लिए कई मॉडल्स को भारतीय बाजार में पेश किया गया है। जरा हट के दिखने वाली कार की चाहत रखने वालों के लिए कंपनी कई मॉडल्स के N और N लाइन वर्जन पेश करती रही है। लेकिन एन और एन लाइन मॉडल्स में क्या फर्क है। आइए जानते हैं।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
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कोरियाई कार कंपनी हुंडई की ओर से बाजार में कई तरह के इंजन और फीचर्स के विकल्प के साथ कई कारों को ऑफर किया जाता है। भारतीय बाजार में कंपनी की ओर से सामान्य वेरिएंट के साथ ही एन और एन लाइन वेरिएंट भी ऑफर किए जाते हैं। दोनों ही वेरिएंट में क्या अंतर होता है, इसकी जानकारी इस खबर में दे रहे हैं।
एन और एन लाइन में है यह फर्क
हुंडई की ओर से सामान्य वेरिएंट के अलावा कई कारों को एन और एन लाइन के विकल्प के साथ भी ऑफर किया जाता है। एन सीरीज की कारों में कंपनी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करने वाले इंजन, ज्यादा बेहतर सुरक्षा, बेहतर तकनीक और कई शानदार फीचर्स को ऑफर करती है। ऐसे फीचर्स को कंपनी की ओर से सामान्य वेरिएंट्स में नहीं दिया जाता। लेकिन एन और एन लाइन में मुख्य अंतर यह होता है कि कंपनी सिर्फ एन सीरीज की कारों को इस तरह बनाती है कि इनका उपयोग सामान्य कार की तरह करने के साथ ही ट्रैक पर ड्राइविंग के लिए भी किया जा सकता है। वहीं एन लाइन सीरीज की कारों को सामान्य कार के मुकाबले थोड़ा ज्यादा स्पोर्टी विकल्प दिया जाता है। आसान भाषा में समझा जाए तो एन लाइन कारों को परफॉर्मेंस के लिए तो सिर्फ एन सीरीज की कारों को हाई परफॉर्मेंस के लिए तैयार किया जाता है।
एन का है खास मतलब
हुंडई की कारों में एन का एक खास मतलब होता है। हुंडई साउथ कोरिया की कार कंपनी है। साउथ कोरिया में एक जिले का नाम नामयांग है। इसी जिले में कंपनी की ओर से हाई परफॉर्मेंस कारों के लिए एन ब्रॉन्ड की स्थापना की गई थी। इस जगह पर हुंडई का ग्लोबल रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर है। वहीं साउथ कोरिया से काफी दूरी पर यूरोप के जर्मनी में एन नाम से नूरबर्गरिंग रेसट्रैक है। जहां पर कंपनी का तकनीक सेंटर है। जहां पर एन सीरीज की कारों की कई तरह से टेस्टिंग की जाती है।
एन कारों में मिलती हैं ये खूबियां
हुंडई की ओर से जिन कारों का एन वेरिएंट बनाया जाता है। उनमें कई तरह की खूबियों को दिया जाता है। ये कारें न सिर्फ आम स्थिति में सड़कों पर चलाई जा सकती हैं, बल्कि इनकी क्षमता की जांच रेसिंग ट्रैक पर भी की जा सकती है। ऐसी कारों को बेहतर बनाने के लिए एयरोडायनेमिक्स, ज्यादा क्षमता वाले खास तरह के इंजन, कस्टम गियरबॉक्स और कई तरह की सेटिंग वाले सस्पेंशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है।