सेहतमंद बने रहने के लिए अगर आप भी जूस को करना चाहते हैं अपनी डाइट में शामिल तो जान लें कुछ जरूरी बातें जिससे आपको मिल सके जूस पीने का ज्यादा से ज्यादा फायदा। जूस को खाली पेट पीना सबसे सही तरीका माना जाता है साथ ही कभी भी लंबे समय तक स्टोर किया हुआ जूस नहीं पीना चाहिए। जानेंगे अन्य जरूरी बातें।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
कब पीना चाहिए जूस?
एक्सपर्ट बताते हैं कि जूस को खाली पेट पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। इससे आपका पाचन सिस्टम जूस के सभी पोषक तत्वों को सही तरीके से एब्जॉर्ब कर लेता है। वहीं जब आप ब्रेकफास्ट के दौरान या उसके तुरंत बाद जूस पीते हैं तो जूस के फायदे तो मिलते हैं, लेकिन थोड़ी कम मात्रा में। दूसरा ऑप्शन है जूस को आप भोजन के कम से कम दो घंटे बाद पिएं या फिर जूस पीने के कम से कम आधे घंटे बाद भोजन करें।
जूस पीने का सही तरीका
अगर आप भी जूस को पानी की तरह एक ही बार में पी जाते हैं, तो बता दें कि ये बिल्कुल भी सही तरीका नहीं है न जूस पीने का और न ही पानी पीने के। आराम से बैठकर धीरे-धीरे जूस पीना चाहिए। इससे उसमें मौजूद न्यूट्रिशन को बॉडी को अच्छे से एब्जॉर्ब कर पाती है। वहीं एक ही बार में इसे गटकने से ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
घर पर जूस बनाने का तरीका
घर पर जूस बना रहे हैं, तो इसे जितना हो सके हेल्दी रखने की कोशिश करें। फलों में नेचुरल शुगर होती है, तो कभी भी ऊपर से चीनी की मात्रा न मिलाएं। इससे टेस्ट तो बढ़ जाएगा, लेकिन उसके फायदे कम हो जाते हैं। दूसरा जूस को छानकर न पिएं, क्योंकि इससे जरूरी फाइबर शरीर को नहीं मिल पाता। इसे अच्छी तरह पीस लें जिससे फलों को चबाने की जरूरत न पड़ें, लेकिन छानें नहीं।
जूस को स्टोर कैसे करें?
ताजे जूस को कुछ समय के लिए स्टोर करना है, तो उसे किसी कांच के एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें। इसस ऑक्सीडेशन प्रोसेस रूक जाता है, जिससे जूस के स्वाद और रंग में बदलाव नहीं होता, लेकिन जूस को कभी भी 24 घंट से से ज्यादा समय के लिए स्टोर न करें भले ही वह फ्रिज में क्यों न हो।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।