हार्ट डिजीज की वजह से व्यक्ति के रोज के कामों पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं ये जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। इसलिए दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। कुछ लक्षणों की मदद से आप यह पता लगा सकते हैं कि आपके दिल के साथ कोई समस्या है जिससे उसका वक्त रहते इलाज किया जा सकता है। जानें हार्ट डिजीज के लक्षण।

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

हमारी लाइफस्टाइल में कई ऐसे बदलाव हुए हैं, जो हमारी सेहत को काफी प्रभावित करते हैं। इन बदलावों की वजह से, सबसे अधिक प्रभाव हमारे दिल पर पड़ता है। खराब खान-पान और सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर बढ़ सकता है, जिस वजह से हार्ट डिजीज का खतरा काफी बढ़ जाता है।

हार्ट डिजीज ऐसी बीमारियां होती हैं, जो दिल को प्रभावित करती हैं। ये बीमारियां दिल के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। दिल की बीमारियों में हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और एरिथमिया काफी आम हैं। हार्ट डिजीज के लक्षणों की मदद से उसका जल्द से जल्द पता लगाकर, इलाज करवाया जा सकता है।

क्या हैं हार्ट डिजीज के लक्षण?

क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, दिल से जुड़ी हर समस्या के अपने अलग लक्षण होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों की सहायता से यह अंदाजा लगाया जा सकता है, कि दिल के साथ कोई समस्या है।

  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • हार्ट पाल्पीटेशन ( धड़कने तेज होना)
  • चक्कर आना
  • पसीना आना
  • गर्दन में दर्द होना
  • थकान
  • मितली या उल्टी आना
  • शरीर के नीचले हिस्से में सूजन आना ( खासतौर पर पैरों में सूजन होना)
  • हार्ट बर्न
  • छाती में दबाव महसूस होना या दर्द होना
  • एक्सरसाइज या कोई हेवी फिजिकल एक्टिविटी करने में तकलीफ होना
  • रात को सोने में तकलीफ होना
  • बुखार

    कैसे कर सकते हैं हार्ट डिजीज से बचाव?

    • एक्सरसाइज करें- रोज थोड़ी देर 30-40 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। एक्सरसाइज करने से हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है और दिल स्वस्थ रहता है। एरोबिक एक्सरसाइज करने से दिल को हेल्दी रखने में काफी मदद मिलती है।
    • वजन मेंटेन करें- हेल्दी हार्ट के लिए हेल्दी वजन होना बेहद आवश्यक होता है। वजन ज्यादा होने की वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं, जैसे- कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, डायबिटीज का खतरा बढ़ना, आदि। वजन कम करने से कोलेस्ट्रॉल कम करने में काफी मदद मिल सकती है। इसलिए अगर आपका वजन अधिक है, तो वजन कम करने की कोशिश करें।
    • कोलेस्ट्रॉल कम करें- कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा काफी बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक की सबसे बड़ी वजह है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ना काफी खतरनाक होता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए हेल्दी डाइट खाएं और एक्सरसाइज करें।
    • सेचुरेटेड फैट्स और प्रोसेस्ड फूड्स कम खाएं- सेचुरेटेड फैट्स और ज्यादा शुगर या नमक की वजह से आर्टरीज से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए प्रोसेस्ड फूड्स और अनहेल्दी फैट्स की मात्रा कम से कम करें और इनकी जगह अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, फाइबर, विटामिन और मिनरल को शामिल करें।