नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने के मामले में सुनवाई की, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से राशन कार्ड में देरी पर कोर्ट ने कहा, हमने अपना धैर्य खो दिया है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को 19 नवंबर तक इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का अंतिम अवसर दिया।
जज ने कहा, हमने अपना धैर्य खो दिया है, हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि अब और कोई अभद्रता नहीं होगी। पीठ ने ये भी कहा, ''हम आपको हमारे आदेश का पालन करने के लिए एक आखिरी मौका दे रहे हैं या आपके सचिव उपस्थित रहेंगे।''
सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने दिया ये तर्क
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि अंत्योदय अन्न योजना के तहत प्रति प्राथमिकता वाले परिवार के लिए केवल एक राशन कार्ड जारी किया जाता है।
बता दें कि अदालत 2020 में कोविड के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और दुखों का संज्ञान लेने के बाद दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई कर रही थी।