खुदरा और ई-कामर्स उद्योग ज्यादातर कार्डिंग हमलों के निशाने पर थे। आइटी सेवा और परामर्श बैंकिंग विनिर्माण दूरसंचार और विज्ञापन जैसे क्षेत्रों का भी विश्लेषण किया गया। इंडसफेस के सीईओ आशीष टंडन ने कहा कार्ड क्रैकिंग या क्रेडेंशियल स्टफिंग के साथ-साथ हमने बॉट-संचालित कम दर वाले डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल आफ सर्विस (डीडीओएस) हमलों का भी अधिक बार उपयोग होते देखा है।
वर्ष 2023 में भारतीय वेबसाइटों और एप्लिकेशन पर 5.14 अरब से ज्यादा साइबर हमले हुए। इसमें सबसे ज्यादा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को निशाना बनाया गया। गुरुवार को एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई।
टीसीजीएफ 2 (टाटा कैपिटल) द्वारा वित्त पोषित एप्लिकेशन सुरक्षा कंपनी इंडसफेस की रिपोर्ट के अनुसार, हमलों में 10 गुना वृद्धि के साथ भारत में साफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (सास) कंपनियां उच्च मूल्य वाले ग्राहक डाटा के कारण साइबर अपराधियों के लिए प्रमुख लक्ष्य के रूप में उभरी हैं।
खुदरा और ई-कामर्स उद्योग ज्यादातर कार्डिंग हमलों के निशाने पर थे। आइटी सेवा और परामर्श, बैंकिंग, विनिर्माण, दूरसंचार और विज्ञापन जैसे क्षेत्रों का भी विश्लेषण किया गया। इंडसफेस के सीईओ आशीष टंडन ने कहा, ''कार्ड क्रैकिंग या क्रेडेंशियल स्टफिंग के साथ-साथ, हमने बॉट-संचालित, कम दर वाले डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल आफ सर्विस (डीडीओएस) हमलों का भी अधिक बार उपयोग होते देखा है।''