ऐसा आमतौर पर कई लोगों के साथ होता है जब वे नेगेटिव भावनाओं से घिर जाते हैं। नेगेटिव ख्याल आना कोई बीमारी नहीं है ऐसे ख्याल किसी के भी मन में आ सकते हैं। लेकिन इसी तरह के ख्यालों के बीच अगर आप हर वक्त घिरे रहते हैं और कुछ भी पॉजीटिव देखने में नाकाम होते हैं तो यह डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं।

कोई भी काम शुरू करने का सोचो तो दुनिया भर की नेगेटिव बातें दिल और दिमाग पर हावी हो जाती हैं। फिर कितना भी चाहें हम फोकस हो कर काम नहीं कर पाते, और अंत में नाकाम होने पर अपनी किस्मत को कोसते हैं। सच्चाई ये है कि अपने विचारों के कारण हम कई बनते हुए काम बिगाड़ लेते हैं।

तो आइए जानते हैं कि अपनी नेगेटिव भावनाओं को कैसे करें आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

  • मैंने पहले शुरू क्यों नहीं किया, इसकी जगह जरा ये सोचें कि अपनी बीती हुई जिंदगी को आप बदल नहीं सकते हैं, तो किसी भी अच्छे काम को शुरू करने का आज से और अभी से अच्छा समय नहीं हो सकता है। आप कभी लेट नहीं होते, मात्र आपकी भावनाएं आपको ऐसा महसूस करने पर मजबूर करती हैं।
  • एफर्ट लगाने की क्या जरूरत है, कल किसने देखा है, इसमें मैं फेल हो गया तो समय के साथ एफर्ट भी जाएगा। ऐसी सोच रखने की जगह ये सोचें कि मैं अपने हर दिन को अपना आखिरी दिन समझ कर प्रयास करूंगा, और एक-एक दिन का अच्छे से सदुपयोग करूंगा। ये सोचने से आप दिल से किसी काम को करते हैं और उसमें फेल होने पर भी इस बात की तसल्ली रखते हैं कि कम से कम आपने अपनी तरफ से कोशिश की और अनुभव लिया।
  • यह बहुत मुश्किल है, इसे मैं कैसे कर सकता हूं। यह सोचने की जगह यह सोचें कि सफलता कड़ी मेहनत के बाद ही आती है, इसे पाना इतना आसान होता तो यह हर एक व्यक्ति के पास आसानी से चली जाती और सबके पास होती। लेकिन ये कुछ मेहनती लोगों के पास ही होती है।
  • मुझे ज़ीरो से शुरू करना होगा जबकि बाकी लोगों के पास तो इतना पैसा है, वे इतने लकी हैं। इसकी जगह यह सोचें कि सबकी जीवन यात्रा अलग होती है और सबके अभाव भी अलग होते हैं। हो सकता है कि जो ज्ञान आपके पास है, वो किसी पैसे वाले के पास न हो। इसलिए ऐसी छोटी बातों से अपने बड़े कदम न रोकें।
  • जब भी कुछ नेगेटिव बात दिमाग में आए तो तुरंत किसी पॉजिटिव काम से उसे डायवर्ट करने की कोशिश करें। अगर कुछ गलत बात दिमाग पर हावी होती है, तो तुरंत अच्छा संगीत सुनें, किसी प्रभावशाली व्यक्ति से बात करें, एक अच्छी नैप लें और फ्रेश माइंड से खुद को फिर तैयार करें।