डिप्रेशन एक प्रकार की मेंटल कंडिशन है जिसके बारे में हाल ही में एक स्टडी सामने आई है जो शरीर के तापमान और डिप्रेशन के लक्षणों के बीच में संबंध पता करने की कोशिश की गई है। इस स्टडी के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों से लोगों को शामिल किया गया था। जानें क्या है शरीर के तापमान और डिप्रेशन का संबंध।
क्या है यह स्टडी?
इस स्टडी के लिए दुनियाभर से 20,000 लोगों को शामिल किया गया। सेल्फ असेस्मेंट और डिवाइस की मदद से इन लोगों के बॉडी टेंप्रेचर और डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में रोज पता किया गया। साल 2020 की शुरुआत में शुरू हुई स्टडी को सात महीनों तक किया गया। इस डाटा के विश्लेषण में पाया गया कि जिन लोगों में डिप्रेशन के लक्षण थे, उनके शरीर का तापमान भी औरों की तुलना में अधिक था। हालांकि, ऐसा क्यों होता है, इसकी वजह अभी तक सामने नहीं आ पाई है, लेकिन शरीर के कूलिंग प्रोसेस को शुरू करने के लिए हॉट बाथ और सौना की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।
क्या है डिप्रेशन?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, डिप्रेशन एक कॉमन मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर है, जिससे दुनियाभर में लगभग 3.8 प्रतिशत लोग प्रभावित हैं। यह आंकड़ा छोटा नजर आ सकता है, लेकिन यह इतनी गंभीर बीमारी है कि इसकी वजह से लोग आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर भी मजबूर हो जाते हैं। इसलिए इस बीमारी के लक्षणों के बारे में पता होना बेहद आवश्यक है, ताकि इससे लड़ने के लिए डॉक्टर की मदद ली जा सके।
क्या हैं डिप्रेशन के लक्षण?
- डिप्रेशन की वजह से अक्सर पीड़ित व्यक्ति के मन में उदासी छाई रहती है, वे काफी दुखी और निराश महसूस करते हैं
- हमेशा थकान महसूस होना
- चिड़चिड़ापन
- खाने-पीने और सोने की आदतों में बदलाव
- रोज के कामों में रुची न रहना
- खुद को नुकसान पहुंचाने के ख्याल आना
- सोचने में तकलीफ होना
- अपनी हॉबीज में रुची खो देना
इनमें से एक या एक से अधिक लक्षण आपको खुद में या आपके आस-पास के व्यक्ति में नजर आए, तो डॉक्टर की मदद लेना सबसे बेहतर विकल्प है। वे दवाइयों और थेरेपी की मदद से डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।