जॉर्डन में 'टॉवर 22' नामक सैन्य चौकी पर एक ड्रोन हमले में कम से कम तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह हमला मध्य रात्रि में सीरिया सीमा के निकट एक छोटी चौकी टावर-22 पर किया गया है। सैनिकों के आवासीय ठिकानों में ड्रोन हमला हुआ जिससे बड़ी संख्या में सैनिक घायल हुए हैं।यह पहली बार है जब इजराइल पर पिछले वर्ष सात अक्तूबर के हमास के हमले के बाद इस क्षेत्र में हुए हमले में अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस हमले के जिम्मेदार लोगों को पकड़ने की वचनबद्धता जताई है। जॉर्डन में ईरान समर्थित समूह के ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत और कई सैनिकों के घायल होने से तिलमिलाए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को कहा कि अमेरिका इसका ‘‘जवाब’’ देगा।
जॉर्डन में क्या है ‘टॉवर 22’?
एक बड़े आकार के ड्रोन ने जॉर्डन में ‘टॉवर 22’ के नाम से जाने जाने वाले ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ बेस पर हमला किया। मध्य कमान ने कहा कि लगभग 350 अमेरिकी सैनिकी और वायु सेना के कर्मियों को इस बेस पर तैनात किया गया था। कई अमेरिकी अधिकारियों ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया कि तीन सैनिक मारे गए और घायलों में भी अधिकतर सेना के जवान हैं। इस छोटे प्रतिष्ठान में अमेरिका के इंजीनियरिंग, विमानन एवं रसद विभाग के कर्मियों के अलावा सुरक्षा सैनिक तैनात थे।
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, ‘‘अमेरिका अपने सैनिकों और अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगा।’’ ऑस्टिन ने कहा कि सैनिकों को आतंकी संगठन आईएसआईएस को स्थायी रूप से हराने के लिए वहां तैनात किया गया था।
ड्रोन ने सैनिकों के कक्ष के पास किया हमला
तीन अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन ने सैनिकों के सोने के कक्ष के पास हमला किया, जिससे हताहतों की संख्या अधिक हो गई। सीरिया के अल-तन्फ में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा ‘टॉवर 22’ के उत्तर में सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर है। जॉर्डन का यह प्रतिष्ठान सीरिया में अमेरिकी सेनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण रसद केंद्र (लॉजिस्टिक हब) के रूप में कार्य करता है।
टॉवर 22 सीरिया में सीमा पार स्थित अल तन्फ गैरीसन के पास है और इसमें कम संख्या में अमेरिकी सैनिक रहते हैं । टैनफ इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण था और उसने पूर्वी सीरिया में ईरान के सैन्य निर्माण को रोकने की अमेरिकी रणनीति के हिस्से के रूप में भूमिका निभाई है।
यह तन्फ में अमेरिकी सैनिकों के काफी करीब स्थित है, जिससे संभावित रूप से उन्हें समर्थन देने में मदद मिल सकती है, जबकि संभावित रूप से क्षेत्र में ईरान समर्थित आतंकवादियों का मुकाबला करने और सैनिकों को क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट के अवशेषों पर नजर रखने की अनुमति मिल सकती है।