सिंगापुर। सिंगापुर में एक भारतवंशी वकील कस्तूरीबाई मनिकम को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। उसने झूठा साक्ष्य दिया था कि संपत्ति से संबंधित कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होते उसने देखा था, जबकि उन पर उसकी उपस्थिति में हस्ताक्षर नहीं किए गए थे।

यह निर्णय की गंभीर त्रुटि का उदाहरण: न्यायाधीश

इसे लेकर सिंगापुर लॉ सोसाइटी कस्तूरीबाई मनिकम के 30 महीने के निलंबन की मांग कर रही थी। मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन के नेतृत्व में तीन न्यायाधीशों की अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह चरित्र दोष के बजाय निर्णय की गंभीर त्रुटि का उदाहरण है।

दोनों पार्टियों को जानती थीं मेनन

मुख्य न्यायाधीश मेनन ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं कि दस्तावेजों पर हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने कहा कि कस्तूरीबाई की गलती यह प्रमाणित करने में थी कि उन्होंने हस्ताक्षर होते हुए देखा था, क्योंकि वह पार्टियों को जानती थीं और सोचती थीं कि कोई नुकसान नहीं होगा।

मनिकम संथा देवी और उनके भाई के लिए काम किया

अदालत ने मनिकम के निलंबन को 7 मार्च से प्रभावी होने की अनुमति दे दी। न्यायाधीशों को बताया गया कि मनिकम ने संथा देवी वी पुथेनवीटिल केसवा पिल्ले और उनके भाई रमन पुथेनवीटिल केसवा पिल्ले के लिए काम किया था, जो एक कॉन्डोमिनियम इकाई के पंजीकृत मालिक थे। मनिकम की फर्म, ईस्ट एशिया लॉ कॉरपोरेशन, ने संपत्ति की बिक्री से पहले कई मामलों में दोनों के लिए काम किया था।