प्रविण झोलेकर - अमरावती प्रतिनिधि
अमरावती :- मकर संक्रांती पर्व के अवसर पर पतंगोत्सव मनाया जाता है, इस कारण पतंग और मांजे की बिक्री बढ गई हैं, ज्यादातर दुकानों में शासन की अनुमति न रहने के बावजूद नायलॉन मांजे की बिक्री की जाती है, इस संदर्भ में शासन के आदेश के मुताबिक मनपा प्रशासन ने भी दंडात्मक स्वरुप की कार्रवाई करने के लिए एक दल गठित किया है, त्यौहार मनाने की धुन में बे-जुबान पशु पक्षियों की जान जाती है. पतंग उड़ाने के लिए यदि पाल्यो के पास नायलॉन मांजा होंगा अथवा उसका इस्तेमाल किया जाता होगा तो, पाल्यो पर भी फौजदारी का मामला दर्ज कराया जा सकता है. इस कारण नायलॉन मांजे का इस्तेमाल न करने का आहवान अमरावती महानगर पालिका प्रशासन की ओर से किया गया है.
मकर संक्रांति पर्व कहा कि पतंगबाजी की धूम रहती हैं. यह पतंगोत्सव मनाने के लिए शहर में जगह-जगह पतंग और मांजे कि बिक्री होती हैं. इसके लिए वे किसी भी विक्रेता ने अनुमति न लेते हुए बिक्री शुरू की है. इसमें कुछ मात्रा में नायलॉन मांजा भी बिक्री होने की जानकारी प्राप्त होने से पिछले एक माह से कार्रवाई के लिए अभियान तेज किया गया है. नायलॉन के कारण बेजुबान पशु पक्षियों की जान को धोका होकर इसमें अनेको पंछी यो की जान जाने के आसार ज्यादा नजर आते हैं. नायलॉन मांजा के कारण पशु पक्षी की मृत्यु का प्रमाण बढ़ने से सम्बंधित पर कार्रवाई करने कि मांग पक्षी मित्रो से की तरफ से की जा रही थी. उच्च न्यायालय ने भी नायलॉन मांजे का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के खिलाफ छह माह तक सजा, कम से कम 10 हजार रुपए जुर्माना और मांजे की निर्मिति, बिक्री और बिक्री के लिए यातायात करने वाले व्यक्ति के खिलाफ 3 से 5 वर्ष तक सजा और एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है. उच्च न्यायालय के आदेश का पालन हो और दंडात्मक स्वरूप की कार्रवाई करने के लिए सहायक क्षेत्रीय अधिकारी के नियंत्रण में मनपा ने भी जोन निहाय दल गठित किए हैं. इस दल में राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारियो का भी समावेश है. पाल्यों द्वारा नायलॉन मांजे का इस्तेमाल किया जाता होगा तो उन पाल्यो पर भी फौजदारी मामला दर्ज हो सकता हैं. इस कारण अपने बच्चों को ऐसा न करने के लिए पालको द्वारा परावृत्त करने का आहवान अमरावती महानगर पालिका प्रशासन की तरफ से किया गया है.