नई दिल्ली। अभियान के तहत 28 नवंबर तक तीन करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए। इनमें से सर्वाधिक उत्तर प्रदेश और इसके बाद महाराष्ट्र व आंध्र प्रदेश में बनाए गए। केंद्र सरकार ने लोगों को सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में राज्य सरकारों की मदद के लिए भी कई कदम उठाए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि लोगों को सुलभ, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता मुहैया कराई गई है। 

उन्होंने बताया कि आयुष्मान भव अभियान 13 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा शुरू किया गया था। अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है। 2014 से 82 प्रतिशत बढ़े मेडिकल कालेजदेश में 2014 के बाद मेडिकल कालेजों की संख्या में 82 प्रतिशत और एमबीबीएस सीटों की संख्या में 112 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में सवाल के लिखित जवाब में बताया कि देश में मेडिकल कालेजों की संख्या 2014 में 387 से बढ़कर वर्तमान में 706 हो गई। वहीं एमबीबीएस सीटें 2014 में 51,348 से बढ़कर 1.08 लाख और इसी समय सीमा में पोस्ट ग्रेजुएट मेडकिल सीटें 31,185 से बढ़कर 70,674 हो गईं। 

तीन वित्तीय वर्षों में बीमा के 3.54 करोड़ दावे निपटाए वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक आयुष्मान भारत बीमा योजना के तहत माध्यमिक देखभाल अस्पताल भर्ती के लिए तकरीबन 3.79 करोड़ दावे पेश किए गए। इनमें से 3.54 करोड़ दावों का भुगतान कर दिया गया और 30 नवंबर तक 12.04 लाख लंबित हैं। योजना में दावों का समय से निस्तारण प्रमुख मानक है, जिससे योजना का प्रदर्शन मापा जाता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) योजना के तहत दावा निस्तारण की स्थिति की निगरानी करता है। 

अब घर बैठे ही बना सकेंगे आयुष्मान कार्ड 

यूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्रों को पाठ्यक्रम पूरा करने को दी अनुमतिराष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से विदेशी मेडिकल स्नातकों को अपना शेष पाठ्यक्रम को पूरा करने की अनुमति दी है। यूक्रेन में युद्ध के कारण देश लौटने वाले मेडिकल छात्रों को होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर एनएमसी ने योजना तैयार की है।

इसके तहत स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत भारतीय छात्रों को एफएमजी परीक्षा में बैठने की अनुमति है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में सवाल के लिखित जवाब में बताया कि एफएमजी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विदेशी मेडिकल स्नातकों को पंजीकरण के लिए दो साल की अवधि के लिए कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमआई) करनी होगी।