इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई। एक बचाव अधिकारी के मुताबिक, पश्चिमी सुमात्रा में मरापी ज्वालामुखी के विस्फोट होने के कारण सोमवार को लगभग 11 पर्वतारोही की जान चली गई। बता दें कि सुरक्षा चिंताओं के कारण 12 अन्य लापता लोगों की तलाश अस्थायी रूप से रोक दी गई थी।
11 पर्वतारोहियों की मौत
खोज एवं बचाव दल के प्रवक्ता जोडी हरयावन ने कहा कि सोमवार को 11 पर्वतारोहियों के शवों के साथ तीन जीवित बचे लोग भी पाए गए। रविवार के विस्फोट के समय क्षेत्र में 75 लोग शामिल थे।
रविवार को 2,891 मीटर (9,485 फीट) ऊंचा ज्वालामुखी फटा, जिसके बाद अधिकारियों ने अलर्ट को दूसरे उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया और निवासियों के आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई। वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कि ज्वालामुखी की राख का एक विशाल बादल आसमान में व्यापक रूप से फैला हुआ है और कारें और सड़कें राख से ढकी हुई हैं।
कब-कब ज्वालामुखी ने उगला राख
सोमवार की शुरुआत में 49 पर्वतारोहियों को क्षेत्र से निकाला गया था और कई जलने के कारण इलाज भी कराया गया। बता दें कि मारापी सुमात्रा द्वीप पर सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और इसका सबसे घातक विस्फोट अप्रैल 1979 में हुआ था, जब 60 लोगों की मौत हो गई थी। इस साल, यह जनवरी और फरवरी के बीच फटा और चोटी से लगभग 75 मीटर-1,000 मीटर की दूरी तक राख उगल रहा था। ज्वालामुखी विज्ञान एजेंसी के अनुसार, इंडोनेशिया प्रशांत महासागर के तथाकथित 'रिंग ऑफ फायर' पर स्थित है और यहां 127 सक्रिय ज्वालामुखी हैं।