फसल विविधता को लेकर पंजाब की भगवंत मान सरकार गंभीर नहीं:-तरूण चुघ  || कृषि अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में योगी मॉडल देश में पहले नंबर पर, पंजाब को  सीखने की जरूरत ||

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की किसान हितैषी नीतियों का नतीजा है कि पंजाब में बासमती धान की कीमत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। बासमती 1021का मूल्य 5500 रुपए प्रति क्विंटल, इसी तरह बासमती मुछल का मूल्य पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों की सच्ची हमदर्द सरकार है जो खेती को लाभकारी  बनाने और किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भगवंत मान की टिप्पणी और पंजाब सरकार की गलत नीतियों ने किसानों को धरने देने के लिए  मजबूर कर दिया है और अब पंजाब का हर वर्ग इस निकम्मी सरकार से दुखी है । उन्होंने कहा कि पंजाब में छोटे छोटे केबल ऑपरेटरों  से  धक्का हो रहा है, उनके कारोबार को खत्म करने की कोशिश की जा रही है । चुघ ने कहा कि पंजाब में छोटे-छोटे प्रोजेक्टों का उद्घाटन  आप पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा करवाए जा रहे है और इस पर अनावश्यक करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिसका ताजा उदाहरण मुख्यमंत्री यात्रा योजना है, जिसकी  शुरुआत भी भगवंत मान ने केजरीवाल के बिना नहीं की  और हरी झंडी देने पर ही पंजाब के करोड़ों रुपए बर्बाद कर दिए । उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने खनन  माफिया के आगे घुटने टेक दिए हैं। पंजाब में खुलेआम अवैध खनन हो रहा है और सरकारी एजेंसियों द्वारा जब्त की गई जमीनें भी अब पंजाब में सुरक्षित नहीं हैं, खनन माफिया ने इन जमीनों को भी निशाना बना लिया है और पंजाब सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है। राज्य में पराली जलाने की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय है।  पंजाब में अब तक खेतों में आग लगने के कुल मिलाकर 27000 से ज्यादा मामले सामने आए, जो इस सीजन की घटनाओं का करीब 85 फीसदी है। उन्होंने कहा कि कोयले के साथ कृषि अवशेषों पर आधारित बायोमास की सह-फायरिंग में योगी मॉडल देश में नंबर वन है। इस साल यूपी सरकार ने 70977 मीट्रिक टन बायोमास का उपयोग किया और दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने 27349 मीट्रिक टन बायोमास का इस्तेमाल किया। तीसरे नंबर पर पंजाब का पड़ोसी राज्य हरियाणा की बीजेपी सरकार ने 20969 मीट्रिक टन बायोमास का इस्तेमाल किया। तरुण चुघ ने कहा पंजाब सरकार को पराली प्रबंधन और कृषि अपशिष्ट प्रबंधन को योगी मॉडल से सीखने की जरूरत है।
चुघ ने कहा कि मई 2023 तक 47 कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांटों में लगभग 1,64,976 मीट्रिक टन कृषि-अपशिष्ट-आधारित बायोमास को सह-फायर किया गया है। बायोमास छर्रों पर सह-फायरिंग करने वाले थर्मल पावर प्लांटों की राज्यवार सूची में पंजाब 11वें स्थान पर है। पंजाब सरकार ने केवल 180 मीट्रिक टन बायोमास छर्रों का उपयोग किया है। तरुण चुघ ने कहा कि पंजाब सरकार योगी मॉडल से सीख कर इसे मीट्रिक टन तक बढ़ा सकती है जिससे न केवल पराली जलाने के मामले खत्म होंगे बल्कि पराली और कृषि अवशेषों का पर्याप्त निपटान भी होगा।