खारुपेटिया से भगतपारा जाने के क्रम में बाहाबारी गाँव में टाँगनी नदी के एक सूती के ऊपर करीबन तीन वर्ष पूर्व 25 लाख रुपैया लागत से एक पक्का पुल बनाया गया था जो निर्माण होने के कुछ दिनों के बाद ही ढह गया | उसके पश्चात ग्रामीणों ने श्रमदान और बॉस खरीदकर एक बॉस का पुल बनाया पक्का पुल ढहने के तीन वर्ष बाद भी बिभागीय अधिकारियो ने कोई ब्यबस्था नहीं की जिसके कारण ग्रामीणों को अपना जान जोखिम में डालते हुए इसी बॉस के पुल के सहारे आवाजाही करना पड़ता है और सबसे ज्यादा असुबिधा रोगियों , गर्ववती महिला और किसानो को उठाना पड़ता है क्योकि चिकित्सालय या बाजार आने के लिए उन्हें आठ से दस किलोमीटर की अतिरिक्त यात्रा कर घूम कर आना  पड़ता है