नई दिल्ली। तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर कथित रूप से पैसे लेकर सवाल पूछने के लगे आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति की मंगलवार को होने वाली बैठक नौ नवंबर के लिए भले टल गई है, मगर संकेतों से साफ है कि जांच के तौर-तरीकों पर समिति में गहरे मतभेद हैं।
सत्ता और विपक्ष के सांसदों के बीच टकराव तय
एक सदस्य के खिलाफ मामला न रहकर यह कहीं न कहीं सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लड़ाई का मुद्दा बना दिया गया है। महुआ के खिलाफ कार्रवाई की प्रस्तावित सिफारिशों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच टकराव तय माने जा रहे हैं। विपक्षी खेमे से मिले संकेतों से साफ है कि महुआ मोइत्रा पर किसी तरह की सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई तो आचार संहिता समिति में शामिल विपक्ष के सभी सांसद इसका विरोध करते हुए असहमति के नोट लगाएंगे।
400 पेज से अधिक की रिपोर्ट तैयार
सूत्रों के अनुसार, जो रिपोर्ट तैयार हो रही है, उसमें अब तक मोइत्रा से लेकर दूसरे सभी सदस्यों के सवालों और जवाबों को शामिल किया गया है। ऐसे में यह रिपोर्ट 400 पेज से अधिक की बताई जा रही है, लेकिन विपक्षी सूत्रों के अनुसार महुआ मोइत्रा के खिलाफ आई शिकायतों की जांच के लिए आचार समिति संसदीय नियमों-प्रक्रियाओं का उचित पालन नहीं कर रही है।
विपक्षी दलों को महुआ के निष्कासन की आशंका
विपक्षी दलों को आशंका है कि अदाणी मामले में बेहद मुखर रहीं महुआ के खिलाफ आनन-फानन में सुनवाई कर रिपोर्ट तैयार करने का मकसद संसद के अगले शीत सत्र के दौरान लोकसभा से निलंबित या निष्कासित करने की तैयारी है। इसीलिए आचार संहिता समिति में शामिल विपक्षी सांसद सत्ता पक्ष की महुआ के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई के कानूनी आधार को कमजोर करने की मजूबत जवाबी रणनीति पर आपसी मंत्रणाएं कर रहे हैं।