अंधेपन से पीड़ित बच्चों और व्यस्कों को शिक्षित करने तथा नेत्र संबंधी समस्याओं की रोकथाम एवं उपचार पर एक विशेष सम्मेलन का आयोजन गैर- लाभ संगठन एक कदम और फाउन्डेशन द्वारा किया गया। इस सम्मेलन ने नेत्र समस्याओं और इन्हें हल करने के बारे में जागरुकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 30-31 अक्टूबर को नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित शैंगरी-ला होटल में आयोजन इस सम्मेलन के दौरान भारत, ऑस्ट्रलिया, मॉरिशस, आयरलैण्ड और यूएस से आए विशेषज्ञों की मौजूदगी में नेत्र समस्याओं पर जागरुकता बढ़ाई गई।

दो दिवसीय सम्मेलन में ऑप्थेल्मोलोजी, ऑप्टोमीट्री, शिक्षा, तकनीक एवं पुनर्वास से जुड़े पेशेवरों ने हिस्सा लिया। 200 से अधिक बदलावकर्ता इस आयोजन में मौजूद रहे, जिनमें चिकित्सा, शिक्षा, गैर-लाभ, अनुसंधान, फार्मास्युटिकल, कॉर्पोरेट एवं सरकारी विभागों के विशेषज्ञ शामिल थे।

विशेषज्ञों ने सम्मेलन की थीम के मुताबिक नेत्र समस्याओं पर रोशनी डाली; और ऐसा मंच उपलब्ध कराया जहां विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को अंधेपन से पीड़ित बच्चों एवं व्यस्कों की मदद के लिए योजना बनाने का अवसर मिला, ताकि इन लोगों को जीवन कौशल एवं प्रशिक्षण प्रदान कर समाज का समान हिस्सा बनने में सक्षम बनाया जा सके।

‘सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना था, जहां विशेषज्ञों को नेत्र समस्याओं से जुड़ी सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान प्रथाओं, इनोवेशन्स पर चर्चा एवं विचार-विमर्श का मौका मिले और नेत्र समस्याओं से पीड़ित बच्चों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके। इस मंच ने आंशिक या पूर्ण अंधेपन से पीड़ित लोगों को जागरुक बनाया, उन्हें सहयोग प्रदान किया और बेहतर जीवन जीने में सशक्त बनाया।’ डॉ सतीष त्रिपाठी, संस्थापक एवं अध्यक्ष, एक कदम और फाउन्डेशन ने कहा।

‘भारत में 320,000 ऐसे बच्चे हैं जो अंधेपन का शिकार हैं, इनमें से ज़्यादातर बच्चे दूरदाज के इलाकों में रहते हैं। अत्यधिक गरीबी के चलते ये बच्चे पुनर्वास प्रोग्रामों एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। एनसीईआरटी द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक अंधेपन से पीड़ित मात्र 29.16 फीसदी बच्चों को ही शिक्षा मिल पाती है, ऐसे बच्चों की शिक्षा बीच में ही छूट जाने की दर बहुत अधिक होती है। हमारा उद्देश्य इन सभी समस्याओं को हल करना है। हम सभी के लिए एक समान अवसरों को सुनिश्चित कर समावेशी समाज के निर्माण के लिए तत्पर हैं।’’डॉ त्रिपाठी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा।

इस अवसर पर जानी-मानी शास्त्रीय संगीत कलाकार, संगीत शैली ध्रुपद में निपुण शिल्पा शंकर नारायण ने अपनी विशेष प्रस्तुति के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा अंधेपन से पीड़ित बच्चे जो एक कदम और फाउन्डेशन अरूणोदय फॉर ब्लाइंड प्रोग्राम में पढ़ रहे हैं, उन्होंने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, उन्हें दर्शकों को रोमांचित एवं प्रेरित करने का अवसर मिला।