नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा गुरुवार को लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेश होंगी। समिति के समक्ष पेश होने से पहले महुआ ने समिति को लिखे एक पत्र में कहा कि वह दो नंबर को सुनवाई के लिए लोकसभा की समिति के समक्ष पेश होंगी।उन्होंने कथित 'रिश्वत देने वाले' दर्शन हीरानंदानी और शिकायतकर्ता वकील जय देहाद्रई से जिरह करने की अनुमति मांगी है। महुआ मोइत्रा भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे के 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोपों का सामना कर रही हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि मोइत्रा ने अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए संसद में सवाल उठाने के लिए दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर रिश्वत ली थी।
भाजपा सांसद ने पत्र लिखकर जांच की मांग की
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर संसद में 'कैश फॉर क्वेरी' शीर्षक से मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वकील जय अनंत देहाद्रई ने उन्हें कथित रिश्वत के सबूत दिए थे।
'हलफनामा में कोई दस्तावेजी सबूत नहीं'
अदालत ने कहा, "आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह जरूरी है कि कथित 'रिश्वत देने वाले' दर्शन हीरानंदानी ने लोकसभा समिति को 'स्वत: संज्ञान' हलफनामा दिया है। हलफनामा में बहुत कम विवरण और कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। अदालत ने कहा, "समिति के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया जाए और उक्त साक्ष्य को राशि के साथ एक प्रलेखित मदबद्ध सूची के रूप में पेश किया जाए।"
टीएमसी सांसद ने कहा, मैं यह बताना चाहती हूं कि नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए मैं हीरानंदानी से जिरह करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हूं।" मोइत्रा ने समिति से लिखित में जवाब देने और इस तरह की जिरह की अनुमति देने या नहीं देने के अपने फैसले को रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा था।