एमपी में चुनावी घोषणाओं के साथ ही दल- बदल जोरों पर हैं। कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं में एक पार्टी से दूसरे पार्टी में जाने की होड़ मची हुई है। इसका उदाहरण इन दिनों जिले के सियासी गलियारों में लगातार देखने को मिल रहा है। दो दिन पहले कांग्रेस से नाराज होकर इस्तीफा देने वाली पूर्व नेता प्रतिपक्ष अनीता जैन और उनकी बहु आशा दोहरे ने ग्वालियर के जयविलास पैलेस में पहुंचकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष भाजपा ज्वाइन कर ली। जिले में राजनैतिक दलों में शामिल लोगों की पार्टियों के प्रति बदलती विचारधारा के लगातार मामले सामने आ रहे हैं।

गौरतलब है कि ये वे ही अनीता जैन हैं जिन्होंने उपचुनाव के दौरान कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया पर टिकट वितरण में 50 लाख रुपए के आरोप लगाए थे। 

कांग्रेस में रहते हुए अनीता जैन सिंधिया की बताई जाती थीं करीबी 

बीते 30 सालों से शहर में कांग्रेस पार्टी की राजनीति में सक्रिय चेहरा रहीं नेता प्रतिपक्ष अनीता जैन केंद्रीय मंत्री सिंधिया की नजदीकी बताई जाती थीं। लेकिन वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वे अपनी बहु आशा दोहरे को टिकट दिलाने में असफल रहीं थीं। इसके बाद भी कांग्रेस में वह सक्रिय रूप से जुड़ी रहीं लेकिन वर्ष 2020 में सिंधिया के कांग्रेस से जाने के बाद जिले से बड़ी संख्या में सिंधिया समर्थक नेताओं का विलय भाजपा में हो गया।

भूल हुई थी अब सुधार रहे हैं- अनीता जैन 

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अनीता जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उस दौरान हमसे भूल हो गई थी जिसको अब सुधार रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब कभी भी हम महाराज का साथ नहीं छोड़ेंगे। केंद्रीय मंत्री के समक्ष अनीता जैन भावुक नजर आईं। वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लगातार उपेक्षा के कारण पार्टी छोड़ी है और अब जिंदगी भर महाराज का साथ नहीं छोड़ेंगे।