अब पंचायत घरों में बने लोकमित्र केंद्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) में छात्र मुफ्त में उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने ग्रामीण और दूरदराज के छात्रों को घर बैठे गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा देने के लिए यूजीसी ई-रिसोर्स पोर्टल बनाया है।लोकमित्र केंद्रों में छात्रों को स्नातक के अलावा स्नातकोत्तर के 23 हजार कोर्स उपलब्ध होंगे। खास बात यह है कि नॉन-इंजीनियरिंग छात्रों को आठ भारतीय भाषाओं में 25 कोर्स की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने मंगलवार को सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा। इसमें लिखा है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल शिक्षा की घोषणा की थी। इसी के तहत यूजीसी ने ग्रामीण और दूरदराज के छात्रों को घर बैठे डिजिटल माध्यम से उच्च शिक्षा से जोड़ने की योजना तैयार की है। इसमें पंचायत में बनाए गए कॉमन सर्विस सेंटर में अब उच्च शिक्षा की डिजिटल कक्षाएं भी चलेंगी। इसमें इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सहयोग करेगा। यहां उच्च शिक्षा की पढ़ाई तो मुफ्त होगी पर लोकमित्र केंद्र की फीस के रूप में छात्र को 20 रुपये दिन या पांच सौ रुपये महीना देना होगा। इसमें स्नातकोत्तर के 23 हजार कोर्स, 137 स्वयं मूक कोर्स और 25 नॉन इंजीनियरिंग कोर्स को आठ भारतीय भाषाओं में तैयार किया गया है।

ये कोर्स 8 भारतीय भाषाओं में तैयार

अकादमिक राइटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजिस इन एजुकेशन, कॉरपोरेट लॉ, कॉरपोरेट टैक्स प्लानिंग, सिटी एंड मेट्रोपॉलिटिन प्लानिंग, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल लाइब्रेरी, डायरेक्ट टैक्स लॉ एंड प्रैक्टिस, अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन, फूड माइक्रोबायोलॉजी एंड फूड सेफ्टी, फंग्शनल फूड एंड न्यूट्राक्यूटिक्लस, ह्यूमन राइटस इन इंडिया, आर्गेनिक केमिस्ट्री, रिसर्च मैथोलॉजी, एनिमेशन समेत 25 कोर्स को हिंदी, मराठी, बांग्ला, गुजराती, तेलगू, मलयालम, तमिल और कन्नड़ भाषा में ट्रांसलेट किया गया है। अभी तक यह कोर्स सिर्फ अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध थे।