पन्ना।

कुल्हाड़ी मारकर मां की हत्या करने वाले कलयुगी पुत्र को आजीवन कारावास                

पन्ना। 06 अक्टूबर 2022 को रात्रि 9 बजे फरियादी सुरेश चैरसिया ने थाना सलेहा में मौखिक रिपोर्ट लेख करायी कि मैं ग्राम पटना तमोला का रहने वाला हूँ। मेरे दो लडके हैं। बडे लडके का नाम राहुल चैरसिया तथा छोटे लडके का नाम सुखेन्द्र चैरसिया है आज से करीब पाँच वर्ष पूर्व मैने बडे लडका राहुल चैरसिया का हिस्सा बांट कर उसके हिस्से की जमीन उसे दे दी थी व उसके हिस्से का घर भी दे दिया था। राहुल अपनी पत्नी के साथ अपने हिस्से के बस्ती वाले मकान में रहता है मैं सिध्दनाथ रोड चन्दनपुरवा के खेत में बने मकान में पत्नी कुशुम बाई व छोटे लडके सुखेन्द्र चैरसिया सहित रहता हूँ। राहुल ने अपने हिस्से की जमीन बेच दी है 06 अक्टूबर 2022 को शाम लगभग 6 बजे मै अपनी पत्नी कुशुम बाई चैरसिया व छोटे लडके सुखेन्द्र चैरसिया के साथ घर के बाहर बैठा था, पास मे गंगाराम चैरसिया एवं माखन यादव बैठे थे उसी समय राहुल चैरसिया कुल्हाडी लिये आया व मेरी पत्नी कुशुम बाई से बोला की पूरी जमीन मेरे नाम कराओ, तो मेरी पत्नी ने कहा की जमीन पापा के नाम है पापा से बात करो, तो राहुल बोला की तू ही सब कर रही है तू ही मेरे नाम जमीन नहीं कराने दे रही है और मेरी पत्नी कुशुम बाई को धक्का दे कर जमीन में गिरा दिया और उसके सिर व गर्दन में कई बार कुल्हाडी से मारा जिससे खून बहने लगा। मै और मेरा लडका बचाने दौडे तो हमको भी कुल्हाड़ी ले के जान से मारने का प्रयास किया तब मेरा लडका सुखेन्द्र चैरसिया ने उसको भगाया तब वह भाग गया। मौके पर गंगाराम चैरसिया एवं माखन यादव ने पूरी घटना देखी। अपनी पत्नी कुशुम बाई को ईलाज के लियेे अस्पताल सलेहा ले जा रहे थे तभी रास्ते मे कुशुम बाई की मृत्यु हो गई है। रिपोर्ट पर अपराध सदर कायम कर विवेचना की गयी। आरोपी राहुल चैरसिया के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाये जाने पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उक्त अपराध को शासन द्वारा जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप मे चिन्हित किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए न्यायालय श्रीमान महेन्द्र मंगोदिया द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश पन्ना की न्यायालय द्वारा आरोपी- राहुल चैरसिया को धारा- 302 में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।