देश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद भारत के 100 शहरों में 10000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएंगी। यह योजना PPP (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मॉडल का उपयोग करके संचालित की जाएगी क्योंकि केंद्र शुरुआती दशक के लिए निजी कंपनियों को सहायता प्रदान करेगा।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की ब्रीफिंग में कहा कि केंद्र सरकार ने पीएम ई-बस सेवा योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, सरकार देश में हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए भारत के 100 शहरों में 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें तैनात करने के लिए 57,613 करोड़ रुपये आवंटित करेगी। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।

100 शहरों में 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों का होगा संचालन

देश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद भारत के 100 शहरों में 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएंगी। इनके संचालन में लगने वाली 57,613 करोड़ रुपये की राशि में केंद्र सरकार द्वारा 20,000 करोड़ का योगदान दिया जाएगा। वहीं, शेष राशि का ध्यान संबंधित राज्य सरकारों द्वारा रखा जाएगा जहां ईवी बेड़े तैनात किए जाएंगे।

किन शहरों में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें?

यह योजना PPP (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मॉडल का उपयोग करके संचालित की जाएगी, क्योंकि केंद्र शुरुआती दशक के लिए निजी कंपनियों को सहायता प्रदान करेगा। केंद्रीय मंत्री ठाकुर के अनुसार, कुल 169 में से 100 शहर, जहां बसें तैनात की जाएंगी,उनको चुनौती पद्धति से चुना जाएगा और उनकी आबादी 3 लाख से अधिक होनी चाहिए।

इसके अलावा, मंत्री ने कहा कि जो राज्य पुरानी बसों को हटा देंगे उन्हें अतिरिक्त आपूर्ति से भी लाभ होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होने कहा कि इस फैसले से शहरों में सार्वजनिक परिवहन में सुधार होगा और यह जलवायु परिवर्तन से संबंधित भारत के उद्देश्यों के अनुरूप भी है।