दिल्ली, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार सुबह (11 अगस्त) पार्टी के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। यह बैठक शुक्रवार सुबह 10:30 बजे पार्टी के संसदीय कार्यालय में होगी।
समाचार एजेंसी एएनआई ने पार्टी सूत्रों के हवाले से कहा, "लोकसभा में विपक्ष के नेता के निलंबन पर चर्चा के लिए सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार सुबह 10.30 बजे कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई गई है।" संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार शाम को लोकसभा में अधीर चौधरी के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया और कहा कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री बोलते हैं या बहस चल रही होती है तो वह सदन में बाधा डालते हैं। यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित भी हो गया।
पीएम मोदी पर टिप्पणियों से सत्ता पक्ष में नाराजगी
दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान पीएम मोदी के उपर अधीर रंजन चौधरी ने कुछ टिप्पणियां की जिससे सत्ता पक्ष ने नाराजगी जताई। आखिर में संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने यह प्रस्ताव पेश किया। लोकसभा से अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'नीरव' का मतलब चुप रहना है और उनका इरादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करना नहीं था। अब उनके निलंबन की विशेषाधिकार समिति जांच करेगी।
मैंने पीएम मोदी का अपमान नहीं किया है
चौधरी ने कहा, "मैंने पीएम मोदी का अपमान नहीं किया है। मोदी जी हर बात पर बोलते हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर वह 'नीरव' बैठे हैं, जिसका मतलब है चुप बैठना। नीरव का मतलब है चुप रहना। मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करना नहीं था। पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा कि उनका अपमान हुआ है, उनके दरबारियों को ऐसा लगा और उन्होंने मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाया। मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है और मुझे निलंबित कर दिया गया है।"
इस बयान पर हुई कार्रवाई
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि अब ध्रुवीकरण, सांप्रदायिकरण और भगवाकरण को भारत छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी के 100 बार प्रधानमंत्री बनने की चिंता नहीं है, लेकिन कांग्रेस पार्टी को इस देश के लोगों की चिंता है। 1942 में महात्मा गांधी के शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए रंजन ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन होना चाहिए, सांप्रदायिकता छोड़ना चाहिए, ध्रुवीकरण छोड़ना चाहिए और भगवाकरण छोड़ना चाहिए।