नई दिल्ली। विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने के प्रस्ताव पर बगैर सांसदों की सहमति के ही नाम दर्ज करने के मामले में घिरे आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को आखिरकार संसद की विशेषाधिकार समिति ने नोटिस जारी कर दिया है। उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए कहा है कि उनके खिलाफ क्यों न विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की जाए।

राज्यसभा के चार सांसदों की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई

राघव चड्ढा के खिलाफ यह कार्रवाई राज्यसभा के चार सांसदों की शिकायतों के बाद की गई है, जिसमें सभी ने उनके नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल करने और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है। इन सभी सांसदों ने इस मामले में चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई करने और आपराधिक मामला भी दर्ज कराने की मांग की है।

शिकायत को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा था

इससे पहले सभापति ने मंगलवार देर शाम राज्यसभा के सांसद सस्मित पात्रा, नरहरि अमीन, फांगनान कोन्याक और एम थंबीदुरई की ओर से मिली शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसे विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया था। इस बीच विशेषाधिकार समिति ने इस मामले को लेकर बुधवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की अगुवाई में बैठक की। जिसमें प्रथम दृष्टया शिकायत को सही पाए जाने के बाद राघव चड्ढा को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।

दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान उठा था मुद्दा

राघव चड्ढा के खिलाफ कार्रवाई का यह मामला तब उठा था, जब सात अगस्त को राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले को प्रमुखता से रखा था। साथ ही सभापति से मांग की थी, कि इसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही जिसने भी यह फर्जीवाड़ा किया है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए।

राघव चड्ढा की भी जा सकती है सदस्यता!

सूत्रों की माने तो इस मामले में राघव चड्ढा की सदस्यता भी जा सकती है। अगर वह पहली बार संसद सदस्यता की दुहाई देते हुए माफी मांगे तो राहत जरूर मिल सकती है। हालांकि, इससे पहले समिति शिकायत करने वाले सांसदों और राघव चड्ढा का इस मामले को लेकर बयान दर्ज करेगी। जिसके बाद नियमों के तहत इस पूरे मामले को जांचा जाएगा।