भारत और पाकिस्तान की समुद्री सीमा पर समुद्र में मछली पकड़ने वाले 500 भारतीय मछुआरों को रिहा करना था, इनमें से 400 भारत आ चुके हैं। इससे पहले जब भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के बिलाल भुट्टो की भारत गोवा में मुलाकात हुई थी तब पाकिस्तान उन 654 मछुआरों में से 500 को रिहा करने वाला था। जो 400 मछुआरे भारत को रिहा होकर वो आ चुके हैं और 100 मछुआरे कानूनी विवाद के कारण दस्तावेजों आदि पर आधारित किसी मुद्दे के कारण रिहा नहीं हो सके। वर्तमान में 260 मछुआरे पाकिस्तान में कैद हैं और उन्हें रिहा करने का प्रस्ताव है। मछुआरे समुद मे फिशिंग दोरान । समुद्र में मछली पकड़ना, प्राकृतिक वातावरण के कारण कोई तकनीकी खराबी के कारण कोई व्यावसायिक लालच कारण कोई सीमा पार कर चुका हे , दोनो देश के नीति के नियमों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारें हर साल 15 जनवरी और जुलाई को एक-दूसरे के देश के कैदियों को रिहा करने के लिए समझोता करती हैं।
पाकिस्तान मे केदी मछवारे की कीसी भी बिमारी के कारण मोत जाती हैं। उनके शवों को भारत वापस लाने में बहुत लंबी प्रक्रिया होती है और इसमें लगभग ढाई से तीन महीने का समय लगता है। अनुरोध है कि बीमार मछुआरों का वहां अच्छा इलाज हो और वे स्वस्थ रहें और वापस आएं भारत को नियमानुसार कोई नुकसान ना हो। वर्तमान में 260 मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में कैद मछुआरों को जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए ऐसा हमारी पाकिस्तान सरकार से अनुरोध है
अखिल भारतीय कोली/कोली समाज नई दिल्ली राष्ट्रीय अध्यक्ष खेमचंदजी कोली
गुजरात प्रदेश सचिव लाखन कोटडिया
गिर सोमनाथ जिला उपाध्यक्ष पंचभाई दमानिया
मानवाधिकार अध्यक्ष भावेशभाई खत्री
समुद्र श्रमिक सुरक्षा संध कोडिनार मच्छी कारदार संगठन बालुभाई सोसा
दरिया दिल संयोजक भरतभाई कमालिया गीर सोमनाथ
रिपोर्ट...करशन परमार