नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) के मुद्दे पर संसद (Parliament Monsoon Session 2023) में लगातार 11 दिनों से सरकार और विपक्ष में जारी टकराव अब तीखे दौर में पहुंच गई है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की बहस के जरिए मणिपुर पर सरकार को घेरने का इंतजार कर रहे विपक्ष ने राज्यसभा में नियम 267 के नोटिसों को लगातार खारिज किए जाने को तानाशाही करार दिया है।

साथ ही विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन के सभी दलों ने आरोप लगाया है कि राज्यसभा में मणिपुर पर विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा और सवाल उठाने पर सभापति के जरिए विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर लगाया आरोप

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि आइएनडीआइए गठबंधन ऐसी धमकियों से डरे बिना संसद में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिशों का जोरदार मुकाबला करेगा। वहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्यसभा में वह मणिपुर पर नियम 176 के तहत चर्चा के लिए राजी है। सोमवार को इस नियम के तहत चर्चा की शुरूआत भी हो गई थी।

ल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर साधा निशाना

संसद के दोनों सदनों विशेष रूप से राज्यसभा में मणिपुर को लेकर मंगलवार को हुए हंगामे के बाद आइएनडीआइए के नेताओं ने मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में विजय चौक पर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सरकार दुष्प्रचार कर रही कि विपक्ष चर्चा नहीं चाहता। वास्तविकता यह है कि सरकार नियम 176 के तहत दो-ढाई घंटे की चर्चा करा खानापूर्ति कराना चाहती है जबकि विपक्ष नियम 267 में लंबी-व्यापक चर्चा का आग्रह कर रहा ताकि मणिपुर की गंभीर घटना पर समग्र चर्चा हो सके।

'संजय सिंह को अनुचित तरीके से किया निलंबित'

डेरक ओब्रायन, मनोज झा, संजय सिंह, केशव राव समेत कई अन्य विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खरगे ने कहा कि सदन में सभापति के जरिए सरकार हमें नतीजे भुगतने की धमकी दिलवा रही है। आप सांसद संजय सिंह को अनुचित तरीके से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया तो कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल का पिछले सत्र में हुआ निलंबन अभी तक खत्म नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यह तानाशाही व्यवहार है और आइएनडीआइए की पार्टियां डर कर भागने वाली नहीं बल्कि डटकर मुकाबला करेंगे और भाजपा-एनडीए को हराएंगे।