मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो के मामले में गुरुवार को गिरफ्तार किए गए सभी चार आरोपियों को शुक्रवार को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, "थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पीएस के तहत अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के जघन्य अपराध के 03 (तीन) और एक मुख्य आरोपियों को आज गिरफ्तार किया गया है। सभी चार आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

यह घटना कथित तौर पर मणिपुर में जातीय संघर्ष भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई थी। इसका एक वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और मुख्य आरोपी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस ने गुरुवार रात कहा कि अज्ञात हथियारबंद लोगों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया था और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास जारी थे। दोनों महिलाओं पर आरोप है कि बहुसंख्यक समुदाय की भीड़ द्वारा उन्हें मुक्त करने से पहले उनका यौन उत्पीड़न किया गया था

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि वह इस घटना से दुखी हैं और कहा कि यह घटना "किसी भी नागरिक समाज के लिए शर्मनाक" है। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा, जो लोग इसके पीछे हैं उन्हें हम कभी माफ नहीं करेंगे।''

मणिपुर में हिंसा अनुसूचित जनजाति की सूची में मैतेई समुदाय के लोगों को शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़क गई।

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच दो महिलाओं के साथ हुई हैवानियत को लेकर सरकार और विपक्ष की तकरार तेज हो चली है। इसके चलते लगातार दूसरे दिन संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे की वजह से नहीं चल पाई। विपक्ष दोनों सदनों में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान के बाद ही चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा है। वहीं, विपक्षी दलों ने एक स्वर में इस घटना पर मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा है।

मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि देश और मणिपुर के बाहर के लोगों से कई शिकायतें मिली हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एनसीडब्ल्यू मणिपुर के अधिकारियों के संपर्क में है। शर्मा उन रिपोर्टों का जवाब दे रहे थे जिनमें दावा किया गया था कि एनसीडब्ल्यू को 12 जून को एक पत्र के माध्यम से एक शिकायत मिली है जिसमें 4 मई को महिलाओं को नग्न घुमाने की भयावह घटना का जिक्र है। वीडियो वायरल होने के बाद आयोग ने शुक्रवार को इसका स्वत: संज्ञान लिया और अधिकारियों से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा।