रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कच्चे माल और वस्तुओं के आयात और निर्यात को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने देश में कच्चे माल और वस्तुओं के आयात और निर्यात पर रोक लगाने के लिए एक डिक्री पर हस्ताक्षर किया है। डिक्री के मुताबिक, रूस में किसी भी तरह की विदेशी आर्थिक गतिविधि को 31 दिसंबर 2025 तक प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि, इस डिक्री में कुछ ऐसे क्लॉज भी हैं, जिसे व्लादिमीर पुतिन जब चाहें हटा सकते हैं।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले पुतिन ने कच्चे माल और वस्तुओं के आयात और निर्यात पर रोक लगाने के लिए 8 मार्च 2022 को डिक्री पर हस्ताक्षर किए थे। यह डिक्री 31 दिसंबर तक वैध थी, लेकिन डिक्री में हालिया संशोधनों के बाद पुतिन ने आधिकारिक तौर पर डिक्री को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया है।
विदेशी आयात-निर्यात पर क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
इस फैसले के पीछे पुतिन की मंशा ये थी कि रूस की अर्थव्यवस्था को किसी तरह का नुकसान नहीं हो, क्योंकि यूरोपियन यूनियन ने 5 दिसंबर को रूस के कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद जी-7 देशों ने रूस के कच्चे तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल प्राइस कैप लगा दी। इससे पुतिन को लगने लगा कि जी-7 देशों द्वारा उसके तेल पर प्रतिबंध लगाए जाने से रूस को काफी नुकसान हो सकता है। इसी को मद्देनजर रखते हुए पुतिन ने विदेशी आर्थिक गतिविधियों पर 8 मार्च 2022 को रोक लगा दी।
रूसी सरकार द्वारा डिक्री की सूची में जिन उत्पादों को शामिल किया गया था, उनमें तकनीकी चीजें, दूरसंचार, चिकित्सा से संबंधित विषय और विद्युत उपकरण, कृषि मशीनरी, परमाणु रिएक्टर, फाइबर ऑप्टिक केबल, धातु प्रसंस्करण मशीनें, आदि शामिल हैं। इसके अलावा जिन देशों से रूस के संबंध अच्छे नहीं हैं, उन देशों पर कुछ प्रकार की लकड़ी की वस्तुओं को लेकर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। फिलहाल, डिक्री को लेकर सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह फैसला घरेलू बाजार की सुरक्षा के लिए लिया गया है।