जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने कहा कि कोचिंग संस्थान एक मैकेनिज्म तैयार कर 15 जुलाई के बाद कोचिंग संस्थानों में एडमिशन के समय ही विद्यार्थियों को यूनिक आईडी देंगे जो अल्फा-न्यूमरिक होगी। इस यूनिक आईडी से कोचिंग छात्र की एक विशेष पहचान रहेगी। उन्होंने कहा कि कोचिंग क्लासेज में प्रतिदिन अटेंडेंस का सिस्टम बनाया जाए और किसी बच्चे के 3 दिन तक लगातार क्लास में नहीं आने पर संस्थान कारणों का पता लगाए और किसी तरह की आशंका होने पर सूचना जिला प्रशासन एवं पुलिस को दे ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें। डॉ. गोस्वामी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के न्यू सभागार में कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल एवं पीजी के प्रतिनिधियों, नोडल अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों की एक डेडीकेटेड टीम समय-समय पर हॉस्टल एवं पीजी की विजिट कर वहां रह रहे बच्चों से बात करे। कोचिंग संस्थान से टीचर के अलावा भी कोई व्यक्ति जाकर हॉस्टल में रह रहे बच्चों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में पता करें। उन्होंने कहा कि घर से दूर रहकर पढ़ रहे विद्यार्थियों को अपनेपन का अहसास कराने के लिए पर्सनल टच भी जरूरी है। उन्होंने कोचिंग संस्थानों के टॉप मैनेजमेंट के लोगों का भी आव्हान किया कि वे कोचिंग छात्र से उस माहौल में जाकर जरूर मिलें जहां वह रहता है। जिला कलक्टर ने कोचिंग संस्थानों में हर माह की जाने वाले गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शिक्षकों एवं अभिभावकों के लिए आचार संहिता बनाने के साथ ही अभिभावकों की काउंसलिंग करवाई जाएगी। विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को अन्य कॅरियर ऑरिएन्टेड कोर्सेज की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नीट-जेईई क्लीयर नहीं होने पर निराश होने की बजाय विद्यार्थी पॉजिटिव रहें क्योंकि जीवन में आगे बढ़ने के लिए डॉक्टर एवं इंजीनियर बनने के अलावा कई अन्य आप्शन भी हैं। जिला कलक्टर ने कहा कि जिन विद्यार्थियों को मेन्डेटरी डिपोर्ट किया जाता है उनके लिए ईजी एक्जिट के साथ ही फी रिफंड की पॉलिसी बनाई जाए। उन्होंने हॉस्टल के साथ ही हर पीजी में एंटी हैगिंग डिवाइस, सुरक्षा गार्ड, सीसीटीवी आदि की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, शिकायत के लिए ड्रॉप बॉक्स रखने, पुलिस हेल्प लाईन के नंबर तथा कंट्रोल रूम के नंबर डिस्प्ले करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कोचिंग संस्थानों से कहा कि जो विद्यार्थी पीजी में रह रहे हैं उनसे पीजी का एड्रेस एवं संचालक के फोन नंबर आदि की सूचना लेकर जिला प्रशासन को दी जाए। डॉ. गोस्वामी ने निर्देश दिए कि कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के मानसिक सम्बलन एवं सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में किए गए प्रयासों एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना में उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट अगले दो दिन में जिला प्रशासन को भेजी जाए। उन्होंने जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों की अनुपालना नहीं करने वाले हॉस्टल, पीजी एवं मकान मालिकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लगातार अवहेलना करने वाले हॉस्टल, पीजी आदि को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। जो संचालक सहयोग नहीं कर रहे हैं उनकी सूची बनाकर जिला प्रशासन को दी जाए।
जिला कलक्टर ने कोचिंग संस्थानों में योग्य मनो-सलाहकारों की नियुक्ति, आमुखीकरण कार्यक्रम, विद्यार्थियों की नियमित काउंसलिंग, फ्री हेल्पलाईन नंबर डिस्प्ले, लाईफ मैनेजमेंट पर शिक्षण, हॉस्टलों में बायोमैट्रिक, गेटकीपर की व्यवस्था सहित अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल एवं पीजी को दिए। उन्होंने कोचिंग क्लासेज के दौरान फैकल्टी द्वारा कुछ देर के लिए लाईफ लेसन शुरू करने, रिवर फ्रंट विजिट, सिगिंग प्रतियोगिता, स्पोर्ट्स गतिविधियां एवं अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल में डेंगू से बचाव के लिए एंटी लार्वा एक्टीविटी चलाने के भी निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन मुकेश चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दिलीप सैनी, अतिरिक्त जिला कलक्टर कृष्णा शुक्ला, आयुक्त नगर निगम उत्तर अनुराग भार्गव, नोडल अधिकारी सुनिता डागा सीएमएचओ सहित हॉस्टल विजिट के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी एवं विभिन्न कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल एवं पीजी एसोसिएशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।