पिछले काफी समय से यह चर्चा थी कि जल्द ही केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए आठवां वेतन आयोग लाएगी. लेकिन अब अटकलों का दौर समाप्त हो गया है और सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार आठवां वेतन आयोग गठित करने पर विचार नहीं कर रही है.इस बात की जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दी है. छत्तीसगढ़ के बस्तर से कांग्रेस सांसद दीपक बैज और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने एक सवाल में केंद्र से पूछा कि क्या वह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग का समय पर गठन सुनिश्चित करने का प्रस्ताव रख रहे हैं ताकि इसे 2026 में लागू किया जा सके.
चौधरी ने इस सवाल के लिखित जवाब में कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन के लिए सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है कि इसे 1 जनवरी 2026 को लागू किया जा सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या बढ़ती महंगाई को देखते हुए कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए केंद्र द्वारा अन्य उपाय किए जा रहे हैं.
क्यों किया जाता है वेतन आयोग का गठन
इस पर उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के कारण उनके वेतन के वास्तविक मूल्य में गिरावट के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मुआवजे के तौर पर महंगाई भत्ते (डीए) का भुगतान किया जाता है और महंगाई की दर के आधार पर हर छह महीने में डीए की दर को समय-समय पर संशोधित भी किया जाता है. बता दें कि केंद्रीय वेतन आयुक्तों का गठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों की वेतन संरचना, सेवानिवृत्ति लाभ और अन्य सेवा शर्तों के विभिन्न मुद्दों के लिए किया जाता है.
1946 में स्थापित किया गया पहला वेतन आयोग
सातवां केंद्रीय वेतन आयोग कथित तौर पर 28 फरवरी, 2014 को भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था. भारत में पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में स्थापित किया गया था. वेतन आयोग का संवैधानिक ढांचा व्यय विभाग (वित्त मंत्रालय) के अंतर्गत आता है. बता दें कि इस साल 31 मार्च 2022 को केंद्र ने 47.7 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को तीन प्रतिशत बढ़ाकर 34 प्रतिशत कर दिया था और 68.6 लाख पेंशनभोगियों को राहत प्रदान करने के एक कदम के रूप में महंगाई राहत में भी इसी तरह की वृद्धि की घोषणा की थी.