रायपुर,  छत्तीसगढ़ विधानसभा का मंगलवार से शुरू होने वाला मानसून सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है। क्योंकि विपक्षी भाजपा कथित घोटालों सहित कई मुद्दों पर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। विधानसभा चुनाव से पहले संभव है कि अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है। इस साल के अंत में राज्य में चुनाव होने से पहले यह विधानसभा का आखिरी सत्र होगा।

भाजपा ने कथित घोटालों और सेवा को नियमित करने की मांग को लेकर सरकारी विभागों के संविदा कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन सहित कई मुद्दों पर भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को घेरने का फैसला किया है। चार दिवसीय सत्र के दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएगा।

विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया, "छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस सरकार और उसकी नीतियों से नाराज है। हम सदन में जनता की आवाज उठाएंगे। भाजपा कोयला, शराब, जमीन, राशन और लोक सेवा आयोग से संबंधित घोटालों का मुद्दा उठाएगी जो कि बघेल सरकार के तहत हुए थे।"

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस 2018 विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि हजारों संविदा कर्मचारी (विभिन्न सरकारी विभागों के) सेवा को नियमित करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं और भाजपा इस मुद्दे पर प्रशासन से जवाब मांगेगी। भगवा संगठन पहले ही घोषणा कर चुका है कि अगर वह आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में आया तो वह संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित कर देगा। चंदेल ने कहा कि उनकी पार्टी सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएगी और सत्तारूढ़ कांग्रेस को "बेनकाब" करेगी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि वह भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। विधानसभा सत्र 21 जुलाई को समाप्त होने वाला है।