बेंगलुरु, कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कसते हुए सोमवार से बेंगलुरु में होने वाली दूसरी विपक्षी एकता बैठक के लिए 25 दलों का समर्थन जुटाया है। केंद्र में भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने के अपने प्रयासों के तहत 26 विपक्षी दलों के नेता 17-18 जुलाई को बेंगलुरु के एक होटल में जुटेंगे।

रेस कोर्स रोड पर लगाए गए विपक्षी नेताओं के बड़े पोस्टर

विपक्षों दलों की बैठक की सभी तैयारियों की निगरानी के लिए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को प्रभारी नियुक्त किया गया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सभी विपक्षी नेताओं के लिए शहर के एक पांच सितारा होटल में ठहरने की व्यवस्था की गई है। विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं का स्वागत करते हुए रेस कोर्स रोड पर बड़े पोस्टर और बैनर लगाए गए। बैठक आज और कल बेंगलुरु के ताज वेस्ट एंड होटल में होगी।

बैठक से पहले AAP के बदले सुर

पटना में बैठक से पहले AAP ने अध्यादेश पर कांग्रेस से साफ रूख बताने के लिए कहा था, लेकिन बेंगलुरु में बैठक से पहले 'आप' के सुर बदले नजर आ रहे हैं। राघव चड़ढा ने कहा है कि विपक्षी एकता को देखकर भाजपा को आज नींद नहीं आएगी। वह डरी हुई है। जनता ने इस बार भारतीय जनता पार्टी को परास्त करने का मन बना लिया है।

प्रियांक खरगे ने भी दिल्ली अध्यादेश का किया विरोध 

कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने भी दिल्ली अध्यादेश का विरोध किया है। बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में AAP की भागीदारी पर उन्होंने कहा," दिल्ली में क्या हो रहा है, इस पर हम बिल्कुल स्पष्ट हैं। उन्होंने (केंद्र ने) राज्य सरकार की शक्तियां छीनने के लिए जो अध्यादेश का रास्ता अपनाया है, वह ठीक नहीं है। आज ये दिल्ली में हो रहा है, कल ये कर्नाटक में भी हो सकता है। इसलिए, हम केंद्र सरकार के इस तानाशाही रवैये के खिलाफ हैं।

बैठक में आज शामिल नहीं होंगे शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में भाग नहीं लेंगे। हालांकि, वह कल बैठक में शामिल होंगे। एनसीपी गुट के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की।

JDS के पास कोई विचार धारा नहीं है: दिनेश गुंडू राव

बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक पर कर्नाटक कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने कहा कि हम जानते हैं कि जनता दल (सेक्युलर) के लिए धर्मनिरपेक्ष राजनीति एक ऐसी चीज है, जिस पर वे वास्तव में विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने पहले भी हमेशा भाजपा के साथ गठबंधन किया है। इसलिए, यह कोई नई बात नहीं है। उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि वे सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे। उनके पास कोई सिद्धांत नहीं है, कोई विचारधारा नहीं है। उनके और कुमारस्वामी के लिए केवल सत्ता मायने रखती है। मुझे लगता है कि इसका JDS पर गहरा प्रभाव पड़ेगा और कर्नाटक में उसका अंत होगा।

संजय राउत ने बताया, बैठक में किन मुद्दों पर होगी चर्चा

उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने विपक्ष की बैठक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि बैठक में ईवीएम मशीन, लोकसभा सीट शेयरिंग, मोर्चे का नाम क्या होगा समेत कई चीजों पर चर्चा होगी।

सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी कांग्रेस 

अस्थायी कार्यक्रम के अनुसार, सोमवार को कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी, जयराम रमेश और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल सुबह 11 बजे एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। सभी विपक्षी नेता दोपहर में बैठक के लिए पहुंचना शुरू हो जाएंगे। शाम 6 बजे एक अनौपचारिक बैठक निर्धारित है, जिसके बाद रात 8 बजे रात्रिभोज होगा।

18 जुलाई को बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी और शाम 4 बजे तक जारी रहेगी। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार रणनीति की घोषणा की जा सकती है।

बैठक में तय किया जाएगा विपक्षी गठबंधन का नाम

सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु बैठक में विपक्षी गठबंधन का नाम तय किया जाएगा और न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा होगी। इसके अलावा, कई समितियों के गठन की उम्मीद है, जो गठबंधन में उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं पर विचार-विमर्श करने के लिए बैठकें करेंगी। उन्होंने कहा, विभिन्न समूह और उप-समूह भी बनाए जा सकते हैं।

सोनिया और राहुल गांधी भी बैठक में हो सकते हैं शामिल

सूत्रों ने कहा कि इस बात पर भी चर्चा हो सकती है कि भाजपा के खिलाफ 80 प्रतिशत लोकसभा सीटों पर एक साझा विपक्षी उम्मीदवार कैसे खड़ा किया जाए, राज्यों में गठबंधन कैसे किया जाए और प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में टिकट कैसे वितरित किए जाएं। बैठक में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित विपक्ष के सभी बड़े नेताओं के बेंगलुरु में होने वाली महत्वपूर्ण विपक्षी बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।

AAP भी बैठक में होगी शामिल

आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी रविवार को बैठक में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की। ऐसा तब हुआ, जब कांग्रेस ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया और कहा कि अगर संसद में अध्यादेश को बदलने के लिए कोई विधेयक लाया जाता है तो वह दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी। इससे पहले, 23 जून को बिहार के पटना में विपक्ष की बैठक के दौरान, AAP और कांग्रेस के बीच दरार देखी गई थी, क्योंकि कांग्रेस ने केंद्र के अध्यादेश पर अपना रुख टाल दिया था।

ममता बनर्जी भी बैठक में होंगी शामिल

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे के बाद पैर में चोट लगने के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी विपक्ष की बैठक में आने वाली हैं। इससे पहले पटना बैठक में 16 विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया था और उनमें से 15 ने बैठक में भाग लिया।

ये दल होंगे बैठक में शामिल

कांग्रेस के अलावा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC), जनता दल (यूनाइटेड) (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (सीपीआईएमएल), झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), आम आदमी पार्टी (आप) और राष्ट्रीय लोक दल पटना बैठक के लिए आमंत्रित दलों की सूची में शामिल थे।

राष्ट्रीय लोक दल पार्टी के प्रमुख जयंत चौधरी, जिन्होंने पहले खुद को पटना बैठक से दूर कर लिया था, सोमवार को बेंगलुरु में दूसरी बैठक में भाग लेने वाले हैं। 

कांग्रेस ने 10 नए दलों को भेजा न्यौता

इनके अलावा, कांग्रेस ने एनडीए पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बेंगलुरु में दूसरी विपक्षी बैठक में 10 नए दलों को आमंत्रित किया है। इनमें मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), कोंगु देसा मक्कल काची (KDMK), फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि), अपना दल (कामेरावादी) और तमिलनाडु की मनिथानेया मक्कल काची (एमएमके) शामिल हैं।