तंजानिया के दार-अस-सलाम में चीन पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि कुछ देशों की तरह भारत दोहन करने वाली आर्थिकी नहीं है। अफ्रीका में भारत ''संकीर्ण आर्थिक गतिविधियां'' नहीं चला रहा है। जयशंकर ने गुरुवार को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।
जयशंकर ने ट्वीट किया कि दार-अस-सलाम में भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत हुई। मिशन आईटी (इंडिया और तंजानिया) के महत्व पर जोर दिया। बताया कि कैसे भारत और तंजानिया की दोस्ती लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है। हमारी जल परियोजनाओं से 80 लाख लोगों को फायदा होगा। भारतीय समुदाय इस रिश्ते की ताकत का स्त्रोत रहा है।
इससे पहले भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,
हम अफ्रीका को बढ़ते देखना चाहते हैं। हमारा दृष्टिकोण अफ्रीका के साथ व्यापार करना, निवेश करना, क्षमताएं पैदा करना है ताकि अफ्रीका का भी उत्थान हो जैसे एशिया में भारत जैसे देशों का उदय हो रहा है।
'हमारा संकीर्ण आर्थिक उद्देश्य नहीं'
चीन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कई अन्य देशों की तरह हमारा संकीर्ण आर्थिक उद्देश्य नहीं है। दुनिया भारत को मददगार के रूप में देखती है।
गौरतलब है कि चीन ने 2015 में अफ्रीका के जिबूती में अपना पहला विदेशी सैन्य सहायता केंद्र स्थापित किया था। चीनी कंपनियां भी क्षेत्र के बहुमूल्य खनिज संसाधनों के दोहन में लगी हुई हैं।
जयशंकर ने बलिदानी भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
जयशंकर ने राष्ट्रमंडल युद्ध स्मारक पर बलिदानी भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। जयशंकर ने ट्वीट किया, दार-अस-सलाम में राष्ट्रमंडल युद्ध स्मारक पर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। युद्ध के विभिन्न क्षेत्रों में उनका बलिदान हमारे इतिहास का महत्वपूर्ण पहलू है। वे भारत के वैश्विक प्रभाव की याद दिलाते हैं।
दार-अस-सलाम अब तंजानिया की राजधानी है। प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत में यह पूर्वी अफ्रीका की राजधानी थी। दार-अस-सलाम में हिंदू श्मशान भी है, जो 14 भारतीय सैनिकों की याद दिलाता है जिनके अवशेषों का अंतिम संस्कार यहां किया गया था।
इससे पहले जयशंकर ने भारत-तंजानिया संसदीय मैत्री समूह के सदस्यों से भी मुलाकात की। जयशंकर ने किबांबा प्रशासनिक क्षेत्र में भारतीय सहयोग से निर्मित जल परियोजना का भी दौरा किया। इस परियोजना के तहत दार-अस-सलाम में पानी की आपूर्ति की जाती है।