Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा चुनावों के बीच दिल्ली में आज राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेता सचिन पायलट के कथित मदभेदों को सुलझाने का मुद्दा उठाया जा सकता है।

विधायक हरीश चौधरी कराएंगे सुलह?

इन सबके बीच राज्य के विधायक हरीश चौधरी दोनों नेताओं के बीच चल रहे गृह युद्ध को शांत कराने का जिम्मा उठा चुके है। 27 जून को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद हरीश चौधरी दोनों नेताओं के बीच मध्यस्थता कराने में जुटे हुए है। एक वीडियो में वह कहते नजर आ रहे है कि दोनों ही परिपक्व और वरिष्ठ नेता हैं। किसी को सुलह कराने की जरुरत नहीं है।

'दोनों नेता वरिष्ठ, सुलह की जरुरत नहीं'

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच सुलह पर कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने ANI से कहा, 'दोनों परिपक्व और कांग्रेस के बड़े नेता है। इनके सुलह के लिए किसी की भी आवश्यकता नहीं है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को कोई जिम्मेदारी मिल रही है इसको लेकर मेरी किसी से कोई चर्चा नहीं हुई है। यह अधिकार सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पास है।'

पिछले हफ्ते, बायतु विधायक ने पिछले पांच से छह दिनों में गहलोत, पायलट, रंधावा और राज्य के मंत्रियों जैसे प्रमोद जैन भाया, राम लाल जाट, परसादी लाल मीना और लाल चंद कटारिया के साथ कई बैठकें की हैं। पार्टी के एक दूसरे वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान जल्द ही संगठन और सरकार में बदलाव लाने पर विचार कर रहे है।

कौन है हरीश चौधरी?

अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह कराने वाले हरीश चौधरी बायतु से विधायक है। चौधरी को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और वह पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव भी हैं। 2009 में राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता था।

चौधरी 2014-2019 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव भी थे। हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार द्वारा 2018 में जारी सर्कुलर के खिलाफ जुलाई-अगस्त 2022 में एक बड़ा आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन में बाड़मेर जैसलमेर के पूर्व सांसद और भाजपा नेता कर्नल सोनाराम चौधरी ने उनकी काफी मदद की थी।