बेंगलुरु, कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस 19 जून को राज्य के दक्षिण कन्नड़ जिले में कथित प्रतिशोध और सांप्रदायिक हत्याओं के पीड़ितों को 25-25 लाख रुपये का चेक सौंपेगी। इस संबंध में शुक्रवार रात एक आदेश जारी किया गया है।
गौरतलब है कि पिछली भाजपा सरकार ने आलोचना के बावजूद पीड़ितों के परिवारों की ओर से आंखें मूंद ली थी और केवल हिंदू परिवारों को भारी मुआवजा दिया था।
लंबे समय से कर रहे थे मुआवजे की मांग
बेल्लारे में मसूद के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा दिया गया है। मसूद 19 जुलाई, 2022 को मारा गया था। कटिपल्ला निवासी मोहम्मद फाजिल की 28 जनवरी 2022 को हत्या; 24 दिसंबर, 2022 को अदुल जलील की मौत; दीपक राव ने 3 जनवरी, 2018 को मारा गया था। सालों से मुस्लिम पीड़ित परिवार मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
19 जून को दिया जाएगा मुआवजा
पीड़ितों के परिवार को 19 जून को बेंगलुरु के कृष्णा में मुख्यमंत्री कार्यालय में मुआवजे की राशि दी जाएगी। डीजी और आईजीपी ने कर्नाटक के मुख्य सचिव को मुआवजा देने के लिए पत्र लिखा था।
अल्पसंख्यक परिवारों को नहीं मिला मुआवजा
भाजपा सरकार ने न केवल अल्पसंख्यकों को मुआवजे से वंचित रखा, बल्कि पार्टी या व्यवस्था का कोई भी प्रतिनिधि परिवार वालों से नहीं मिला और उन्हें दिलासा नहीं दिया। हिंदू धर्म से संबंधित पीड़ितों के घरों के सामने राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के भाजपा नेताओं की कतार लगी हुई है।
भाजपा सरकार ने दी थी मदद राशि
हिजाब संकट के चरम पर बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष की हत्या कर दी गई और मसूद की मौत का बदला लेने के लिए भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रवीण कुमार नेतरू की हत्या कर दी गई। इस मामले में दोनों परिवारों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया गया था।