चेन्नई, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने कैबिनेट सहयोगी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह द्रमुक को न भड़काए। उनकी पार्टी भी हर तरह की राजनीति जानती है। स्टालिन ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व ईडी के माध्यम से अपनी राजनीति करना चाहता है।
अन्नाद्रमुक के नेताओं ने राज्यपाल आरएन रवि से मुलाकात कर सेंथिल बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। दूसरी तरफ स्टालिन ने उनको अपने मंत्रिमंडल में बिना विभाग का मंत्री बनाए रखने का फैसला किया। लेकिन, अन्य मंत्रियों को उनका विभाग आवंटित करने की फाइल राज्यपाल ने लौटा दी।
हम भी हर तरह की राजनीति जानते हैं: एमके स्टालिन
ट्विटर पर एक वीडियो संदेश साझा करते हुए स्टालिन ने कहा,"द्रमुक ने किस तरह के आंदोलन किए हैं, यह जानने के लिए इतिहास के पन्ने पलटिए। नहीं तो दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं से पूछिए। अगर आप द्रमुक या पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काएंगे तो आप परिणाम नहीं झेल पाएंगे। हम भी हर तरह की राजनीति जानते हैं। यह कोई धमकी नहीं, सिर्फ एक चेतावनी है।"
नारायणन तिरुपति में एक स्टालिन पर उठाए सवाल
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, सेंथिल की गिरफ्तारी का स्टालिन द्वारा विरोध किए जाने पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा, उनके खिलाफ जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर से शुरू की गई है। उन्होंने पूछा कि क्या स्टालिन सुप्रीम कोर्ट का विरोध कर रहे हैं? क्या वह ईडी को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट को चेतावनी जारी कर रहे हैं कि वह वही करे जो उसके लिए अनिवार्य है?"
बालाजी के जमानत का कोई सवाल नहीं उठता: मद्रास हाई कोर्ट
मद्रास हाई कोर्ट ने बालाजी को निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी है। ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से बालाजी का एक सरकारी अस्पताल में इलाज किया जा रहा था। अदालत ने कहा कि उनको जमानत दिए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है, क्योंकि वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।
चेन्नई की सत्र अदालत ने बालाजी की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने अपने न्यायिक हिरासत के खिलाफ अपील की थी। तमिलनाडु मानवाधिकार आयोग के सदस्य वी कन्नदासन ने सेंथिल बालाजी से अस्पताल जाकर मुलाकात की और कहा कि ईडी अधिकारियों ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया।